बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए 8 बजे से काउंटिंग शुरू होने वाली है। शुक्रवार को 243 सीटों के लिए मतगणना होने वाली है। वोटिंग दो चरणों में हुई थी। किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए कम से कम 122 सीटों की जरूरत होगी।

 

इस चुनाव में कई तरह के विवाद हुए और अलग अलग मुद्दों पर पार्टियों ने चुनाव लड़ने की कोशिश की। राहुल गांधी से लेकर पीएम मोदी ने अलग अलग मुद्दे भी उठाए। जहां राहुल गांधी ने वोट चोरी का मुद्दा उठाया, वहीं बीजेपी ने घुसपैठिए का मुद्दा काफी जोर-शोर से उठाया।

 

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NDA को काफी उम्मीद

जहां महागठबंधन के नेताओं का दावा है कि इस बार उनकी सरकार बन रही है, वहीं एनडीए को भी पूरा भरोसा है कि उनकी सरकार 20 सालों के बाद एक बार फिर से बिहार में बनने जा रही है। अधिकतर एग्जिट पोल ने भी इसी बात का दावा किया है कि एनडीए की सरकार वापसी करेगी।

 

एनडीए ने पहले ही साफ कर दिया था कि उनकी सरकार बनती है तो नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे। कहा जाए तो एनडीए ने नीतीश कुमार के चेहर पर चुनाव लड़ा। हालांकि, पीएम मोदी और अमित शाह और बाबा योगी आदित्यनाथ ने भी चुनाव प्रचार किया।

तेजस्वी ने क्या वादा किया

महागठबंधन ने तेजस्वी को सीएम का चेहरा घोषित किया। राहुल गांधी के वोट चोरी के मुद्दे के साथ उन्होंने हर घर में सरकारी नौकरी का मुद्दा उठाया। इस बीच प्रशांत किशोर ने भी अपने आपको एक विकल्प के रूप में पेश किया। इस चुनाव में जाति को भी वोट में कन्वर्ट करने की कोशिश की गई।

बिहार वोट गिनती के लिए चुनाव आयोग की तैयारी और सुरक्षा


चुनाव आयोग (EC) ने सभी EVM और VVPAT मशीनों को डबल ताला लगाकर स्ट्रॉंग रूम में बंद कर दिया है। इन कमरों की सुरक्षा दो लेयर में है – अंदर केंद्रीय अर्धसैनिक बल और बाहर राज्य पुलिस। 46 गिनती केंद्रों पर 24 घंटे CCTV कैमरे चल रहे हैं।

 

ज्यादातर एग्जिट पोल ने JD(U)-बीजेपी वाली NDA को आसानी से जीत दिखाई, 121 से 209 सीटें दीं। बहुमत के लिए 122 सीटें चाहिए, और ज्यादातर पोल में NDA का न्यूनतम या औसत आंकड़ा भी 122 से ऊपर था।

 

RJD नेता तेजस्वी यादव ने इन भविष्यवाणियों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के अंदरूनी फीडबैक से महागठबंधन ‘भारी बहुमत’ से सरकार बनाएगा। 2020 में एग्जिट पोल गलत साबित हुए थे। 2015 में सही विजेता बताया था, लेकिन नंबर बहुत दूर थे।

'PK फैक्टर' कैसा?

किसी भी एग्जिट पोल ने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को 5 सीटों से ज्यादा नहीं दिया, भले ही उनका डेब्यू बहुत चर्चित रहा। PK ने खुद कहा है कि उनकी पार्टी या तो सरकार बनाएगी या 10 से कम रहेगी। उन्होंने चुनाव युवाओं के मुद्दों और बेरोजगारी पर लड़ा। पहले लग रहा था कि अगर नतीजा स्पष्ट नहीं हुआ तो वे किंगमेकर बन सकते हैं।

पसंदीदा CM चेहरा

NDA की जीत दिखाने वाले कम से कम दो बड़े पोल (Axis My India और People’s Pulse) ने बताया कि RJD के तेजस्वी यादव 'सबसे पसंदीदा मुख्यमंत्री उम्मीदवार' हैं। Axis My India ने तेजस्वी को 34% और मौजूदा CM नीतीश कुमार को 22% पसंद दिखाया।

 

बिहार में कुल मतदान करीब 67% रहा, जो आजादी के बाद सबसे ज्यादा है। इतिहास में बिहार में तीन बार जब मतदान बहुत बढ़ा, तो सरकार बदल गई। इससे सत्ताधारी NDA के लिए खतरा बन सकता है।

'EVM से भरा ट्रक', खाली डिब्बे

RJD ने 'वोट चोरी' का गंभीर आरोप लगाया। कहा कि सासाराम गिनती केंद्र में बिना बताए एक ट्रक 'EVM से भरा' घुस आया। पार्टी ने फुटेज मांगा, कहा कि दोपहर 2 बजे से CCTV बंद कर दिए गए। रोहतास की डीएम उदिता सिंह ने RJD के आरोप को सिरे से खारिज किया और दिखाया कि ट्रक में 'खाली स्टील के डिब्बे' थे, EVM नहीं।

RJD की धमकी

गिनती से पहले बिहार DGP विनय कुमार ने RJD MLC सुनील सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया। सुनील ने 'अनचाही और भड़काऊ' बातें की थीं। उन्होंने कहा था कि 'अगर जनादेश चुराया गया' तो लोग सड़क पर उतरेंगे, जैसे नेपाल और बांग्लादेश में Gen-Z या युवाओं ने बदलाव कराया। सुनील वही मुद्दा उठा रहे थे जो तेजस्वी यादव ने भी उठाया था। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि NDA वोट गिनती 'धीमी' करेगा, सेना की फ्लैग मार्च से डर पैदा करेगा और 'लोकतंत्र की हत्या' करेगा।

 

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उत्साह में NDA

एग्जिट पोल से उत्साहित NDA नेता जीत के बहुत पक्के हैं, कह रहे हैं कि भविष्यवाणी से भी बेहतर करेंगे। इसी विश्वास में पटना में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने गिनती वाले दिन 'प्रसाद' बांटने के लिए 501 किलो लड्डू ऑर्डर कर दिए हैं। पटना में कम से कम विजय जुलूस पर रोक है, ताकि कानून-व्यवस्था की दिक्कत न हो।