लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम को हुए धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई थी। अब तक माना जा रहा था कि यह 'फिदायीन हमला' हो सकता है। हालांकि, अब पुलिस का मानना है कि यह धमाका 'दुर्घटनावश' हुआ होगा। धमाके की शुरुआती जांच में पता चला है कि टेरर मॉड्यूल के भंडाफोड़ के बाद जल्दबाजी में बनाए गए विस्फोटक को ले जाया जा रहा था, तभी शायद यह विस्फोट 'दुर्घटनावश' हुआ।
माना जा रहा है कि हाल ही में दिल्ली-एनसीआर और जम्मू-कश्मीर में टेरर मॉड्यूल से जुड़े कई संदिग्धों को पकड़ा गया था, जिससे घबराकर विस्फोटक को दूसरी जगह ले जाया जा रहा था और तभी धमाका हो गया।
इससे पहले इस धमाके में डॉ. उमर मोहम्मद का नाम सामने आया था, जिसे संदिग्ध हमलावर माना जा रहा था। वह इसलिए क्योंकि धमाके के वक्त डॉ. उमर ही उस कार को चला रहा था। डॉ. उमर का संबंध फरीदाबाद से पकड़े गए डॉ. मुजम्मिल गनई और डॉ. शाहीन सईद से बताया जा रहा था।
सोमवार को शाम 6:52 बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास कार में धमाका हो गया था। इस धमाके में 8 लोगों की मौत तुरंत हो गई थी। बाद में 4 और लोगों की मौत हो गई। यह धमाका ह्युंडई i20 कार में हुआ था। पहले माना जा रहा था कि इस कार में तीन लोग सवार थे। हालांकि, अब सामने आया है कि इस कार में सिर्फ डॉ. उमर मोहम्मद ही था।
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अब क्या सामने आया?
एक सीनियर पुलिस अफसर ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा, 'फरीदाबाद में छापेमारी के बाद संदिग्ध घबरा गया था, जिसकी वजह से उसे जल्दी से अपना घर बदलना पड़ा और दुर्घटना की आशंका बढ़ गई। ऐसा लगता है कि यह घटना संदिग्ध आत्मघाती हमले के बजाय अनजाने विस्फोट में बदल गई।'

हालांकि, अब भी पुलिस इसे पूरी तरह से आत्मघाती हमले की बात को खारिज नहीं कर रही है और सभी एंगल से जांच की जा रही है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि IED को गलत तरीके से बनाया गया, जिससे इसका विनाशकारी असर सीमित हो गया। उन्होंने कहा, 'बम समय से पहले ही फट गया था और पूरी तरह बना नहीं था, इसलिए इसका असर सीमित रहा। विस्फोट से कोई छर्रे या कीलें नहीं मिले हैं।'
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क्यों घबराया हुआ था उमर?
शुरुआत में दावा किया गया था कि विस्फोट के दौरान कार में तीन लोग थे। हालांकि, अब यह साफ है कि विस्फोट के समय i20 कार केवल उमर चला रहा था, जो आतंकी मॉड्यूल के भंडाफोड़ के बाद फरार हो गया था।
पुलिस की जांच में यह भी पता चला है कि डॉ. उमर फरीदाबाद में अपने साथियों की गिरफ्तारी के बारे में इंटरनेट पर तलाश करते हुए लगभग तीन घंटे तक सुनहरी मस्जिद की पार्किंग में रहा।

पुलिस ने विस्फोट से 11 घंटे पहले तक की ऐक्टिविटी को ट्रेस कर लिया है। पुलिस ने बताया कि वह लाल किले के पास छत्ता रेल चौक रोड पर आगे बढ़ा और फिर यू-टर्न ले लिया। जांच से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, विस्फोट लाल किला पुलिस चौकी से कुछ मीटर पहले हुआ।
सोमवार को गिरफ्तार किए गए लोगों में डॉ. मुजम्मिल गनई और डॉ. शाहीन सईद भी शामिल थे जो फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय से जुड़े थे। फरीदाबाद से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया गया था। उमर भी अल-फलाह से जुड़ा हुआ था।
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जांच में अब तक क्या-क्या हुआ?
लाल किला के पास हुए धमाके के मामले में पुलिस ने UAPA और ऐक्स्प्लोसिव ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया था। इस मामले में पुलिस ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा से तारिक नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसने कथित तौर पर डॉ. उमर को i20 कार दी थी।
दिल्ली पुलिस, NIA और खुफिया एजेंसियों की कई टीम दिल्ली और कश्मीर में फैल गई हैं। कश्मीर में छापेमारी के दौरान चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। इन चारों में से दो को दिल्ली विस्फोट और टेरर मॉड्यूल में उनकी भूमिका के आरोप में पूछताछ के लिए ले जाया गया है।

धमाके के बाद से ही दिल्ली में 'हाई अलर्ट' है। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। दिल्ली आने वाली सभी गाड़ियों की सख्ती से चेकिंग की जा रही है।
इससे पहले सोमवार-मंगलवार की रात को संदिग्धों का पता लगाने के लिए दरियागंज और पहाड़गंज इलाकों के होटलों और गेस्ट हाउस में रात भर सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। लाल किला मेट्रो स्टेशन को भी अभी बंद कर दिया गया है।
