दिल्ली में लाल किले के पास हुए बम धमाके में लगातार जांच हो रही है। कई लोगों को अभी तक गिरफ्तार किया जा चुका है। इसी मामले में लखनऊ की डॉ. शाहीन को गिरफ्तार किया गया है। शाहीन पर आरोप है कि उनका संबंध डॉ. मुजम्मिल गनई और डॉ शाहीन शाहिद से है। इन लोगों के नाम भी बम धमाके में सामने आ रहे हैं। अब डॉ. शाहीन के भाई का कहना है कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि उनकी बहन किसी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल हो सकती है। शाहीन के पूर्व पति डॉ. जफर हयात का कहना है कि वह शाहीन के संपर्क में नहीं थे। उनका यह भी कहना है कि जब दोनों रिश्ते में थे, तब शाहीन की गतिविधियां एकदम सामान्य थीं और वह ऑस्ट्रेलिया या यूरोप में जाकर बसना चाहती थीं।
शाहीन के पूर्व पति डॉ. ज़फ़र हयात ने बुधवार को कानपुर में बताया कि उन्हें कल शाम ही इस मामले में शाहीन की संलिप्तता के बारे में पता चला। ड़ॉ. हयात ने कहा कि उनकी और शाहीन की शादी नवंबर 2003 में हुई थी और दोनों ने अलग-अलग मेडिकल की पढ़ाई की थी और वह शाहीन के सीनियर थे। उन्होंने कहा, 'हमारा तलाक 2012 के अंत में हुआ था। मुझे नहीं पता कि उसके दिमाग में क्या चल रहा था जिसके कारण यह हुआ। हमारे बीच कभी कोई विवाद या झगड़ा नहीं हुआ। वह एक प्यार करने वाली और ख्याल रखने वाली इंसान थी।'
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2012 में हो गया था तलाक
उन्होंने आगे कहा कि तलाक के बाद से उनके बीच कोई संपर्क नहीं रहा। जफर हयात ने आगे कहा, 'मुझे कभी अंदाज़ा नहीं था कि वह ऐसी गतिविधियों में शामिल हो सकती है। वह अपने परिवार और बच्चों से बहुत जुड़ी हुई थी, उनसे बेहद प्यार करती थी और उनकी पढ़ाई का ध्यान भी रखती थी।' अपनी शादी को याद करते हुए, उन्होंने बताया कि शाहीन ने शादी की रस्मों के अलावा कभी बुर्का नहीं पहना। उन्होंने कहा, 'मैंने उसे कभी बुर्के में नहीं देखा। मुझे अब बताया जा रही किसी भी आतंकी गतिविधि में उसकी कथित संलिप्तता के बारे में कोई जानकारी नहीं है। हमारा तलाक बहुत पहले, 2012 में हुआ था और अगर वह बाद में किसी चीज़ में शामिल हुई, तो मुझे उसके बारे में कुछ नहीं पता।' उन्होंने कहा कि उन्हें हाल ही में पता चला कि वह भारत में है।
इसके अलावा, हयात ने पत्रकारों को बताया कि अपनी शादी के दौरान शाहीन ने कभी भी (आतंकवादी गतिविधियों की ओर झुकाव का) कोई संकेत नहीं दिखाया। उन्होंने कहा कि एक बार शाहीन से बातचीत हुई थी, जिसमें उसने बेहतर जीवन स्तर और बेहतर वेतन के लिए ऑस्ट्रेलिया या यूरोप में बसने का सुझाव दिया था। नेत्र रोग विशेषज्ञ ने डॉ. जफर हयात को बताया, 'मैंने उससे कहा कि हम यहां पहले से ही अच्छा जीवन जी रहे हैं, अच्छी नौकरियां हैं, बच्चे हैं, हमारे रिश्तेदार और यहां सब लोग हैं, हम वहां अकेला महसूस करेंगे।'
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शाहीन के भाई ने क्या कहा?
शाहीन के भाई मोहम्मद शोएब ने कहा कि आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) और पुलिस के अधिकारी उनके घर आए थे और उन्होंने परिवार के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया। शोएब ने कहा, ‘उन्होंने घर की तलाशी ली और सामान्य तरीके से सवाल पूछे, जैसे आप अभी मुझसे पूछ रहे हैं। न तो मेरे पिता और न ही मेरे साथ कोई बुरा व्यवहार किया गया। हमें कुछ भी कहने के लिए कोई दबाव या ज़बरदस्ती नहीं की गई। उन्होंने सिर्फ़ यह पूछा कि मेरी बहन ने हमसे कब मिलना बंद कर दिया।’ शोएब ने बताया कि पिछले चार सालों से वह और उसकी बहन एक-दूसरे के संपर्क में नहीं थे।
उन्होंने कहा, 'हमारा कोई संपर्क नहीं है। हमारी आखिरी बार बात हुए चार साल हो गए हैं। माता-पिता स्वाभाविक रूप से अपने बच्चों को फ़ोन करके पूछते हैं कि वे कैसे हैं। मैं उसका बड़ा भाई हूं - ज़ाहिर है, मुझे भी उनकी चिंता होगी। क्या यह सामान्य नहीं है।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या वह कभी लखनऊ में IIM रोड के पास उनके घर गए हैं तो शोएब ने कहा कि वह वहां कभी नहीं गए। उन्होंने कहा, ‘नहीं, मैं वहां कभी नहीं गया। मुझे बस इतना पता था कि IIM रोड पर कहीं उसका एक घर है लेकिन मुझे सही जगह भी नहीं पता।' उसकी गतिविधियों पर किसी भी तरह के संदेह से इनकार करते हुए उन्होंने कहा, 'यहां तक कि जब वह मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी, तब भी उसके किसी भी संदिग्ध काम में शामिल होने का कोई संकेत नहीं मिला। मुझे अब भी इन आरोपों पर यकीन नहीं होता। जैसा कि मैंने पहले भी कहा है - मुझे इस पर यकीन ही नहीं हो रहा है।
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क्यों गिरफ्तार हुईं डॉ. शाहीन?
जांचकर्ताओं के अनुसार, फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ी एक डॉक्टर शाहीन शाहिद, सोमवार को लाल किले के पास हुए विस्फोट के बाद गिरफ्तार किए गए लोगों में शामिल थीं। पुलिस को संदेह है कि वह उसी विश्वविद्यालय के एक अन्य फैकल्टी मेंबर डॉ. मुज़म्मिल गनई से जुड़ी थी, जिन पर प्रतिबंधित संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और अंसार ग़ज़वत-उल-हिंद से जुड़े एक 'सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल' का हिस्सा होने का आरोप है। अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैले इस मॉड्यूल का पर्दाफाश 2,900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद होने और अल-फलाह विश्वविद्यालय के तीन डॉक्टरों सहित आठ लोगों की गिरफ्तारी के बाद हुआ।
जांचकर्ताओं ने दावा किया है कि शाहीन भारत में जैश-ए-मोहम्मद की महिला भर्ती शाखा, जमात-उल-मोमिनात, का नेतृत्व कर रही थी। मंगलवार को, उसके पिता, सैयद अहमद अंसारी ने संवाददाताओं को बताया कि वह उसकी कथित संलिप्तता के बारे में सुनकर 'स्तब्ध' हैं। उन्होंने कहा, 'मैंने शाहीन से आखिरी बार लगभग एक महीने पहले बात की थी। मैंने उसे कभी भी डॉ. मुज़म्मिल या ऐसी गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति का ज़िक्र करते नहीं सुना।' उन्होंने आगे बताया कि उनकी बेटी ने प्रयागराज से अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी की है। लाल किला विस्फोट की जांच प्रमुख आतंकवाद विरोधी एजेंसी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) कर रही है।
