बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने भारत के खिलाफ यूनुस के दुश्मनी भरे रवैया को न केवल मूर्खतापूर्ण बल्कि आत्मघाती बताया। शेख हसीना का दावा है कि बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण एक कंगारू अदालत में बदल चुकी है। उनका आरोप है कि मोहम्मद यूनुस ने चरमपंथियों को बढ़ावा देकर लोकतांत्रिक व्यवस्था को ध्वस्त किया है। हसीना ने भारत सरकार और यहां की जनता को शरण देने के लिए धन्यवाद भी कहा है।
शेख हसीना ने समाचार एजेंसी पीटीआई से ईमेल पर एक विशेष इंटरव्यू में बांग्लादेश से जुड़े कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। बांग्लादेश वापसी के सवाल पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की बहाली, अवामी लीग पर प्रतिबंध हटाने और स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं समावेशी चुनाव पर यह निर्भर करेगा।
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'अवामी लीग पर प्रतिबंध हटाना होगा'
शेख हसीना ने कहा, 'बांग्लादेश लौटने के लिए मेरी सबसे जरूरी शर्त वही है, जो बांग्लादेशी जनता चाहती है, सहभागी लोकतंत्र की वापसी। अंतरिम सरकार को अवामी लीग पर लगा प्रतिबंध हटाना होगा। देश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव कराने होंगे।'
चरमपंथियों को मजबूत बना रहे यूनुस: हसीना
शेख हसीना ने आरोप लगाया कि बिना चुनाव देश की सत्ता में बैठने वाले मोहम्मद यूनुस चरमपंथी ताकतों को सशक्त बनाने में जुटे हैं। वह भारत के साथ अच्छे संबंधों को खतरे में डाल रहे हैं। जब शेख हसीना से पूछा गया कि क्या उनकी सरकार ने विरोध प्रदर्शनों को सभी से नहीं संभाला? इस पर शेख हसीना ने कहा कि जाहिर है कि स्थिति पर हमारा कंट्रोल नहीं रहा है। यह खेदजनक है। इन भयानक घटनाओं से कई सबक सीखे जा सकते हैं। मगर मेरे विचार से कुछ जिम्मेदारी उन तथाकथित छात्र नेताओं की भी है, जिन्होंने भीड़ को उकसाया।'
'यूनुस चरमपंथियों के सहारे टिके'
मोहम्मद यूनुस के सत्ता में आने के बाद से भारत और बांग्लादेश के संबंध बेहद खराब दौर से गुजर रहे हैं। शेख हसीना ने कहा कि भारत के हमेशा बांग्लादेश के साथ सबसे अहम अंतरराष्ट्रीय संबंध रहे हैं। उन्होंने कहा, 'यूनुस की भारत के प्रति शत्रुता न केवल मूर्खतापूर्ण बल्कि आत्मघाती है। यह उन्हें एक कमजोर सम्राट के तौर पर उजागर करती है। वह अराजक हैं। वह बिना चुनाव के चरमपंथियों के समर्थन पर टिके हैं। आशा है कि मंच छोड़ने से पहले वह और अधिक कूटनीतिक गलतियां नहीं करेंगे।
भारत के साथ बांग्लादेश के मौजूदा दुश्मनी भरे रवैया पर शेख हसीना ने कहा, 'अंतरिम सरकार हमारे देशवासियों की सोच का प्रतिनिधित्व नहीं करती। भारत हमारे देश का सबसे अहम दोस्त है और रहेगा।
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'आईसीसी में मेरे खिलाफ मुकदमा चलाएं यूनुस'
शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस को अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) में मुकदमा चलाने की चुनौती दी। उन्होंने दावा किया कि यूनुस हमेशा इस चुनौती से बचते रहे हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि आईसीसी मुझे बरी कर देगा। हसीना ने बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण को एक कंगारू न्यायाधिकरण बताया। बता दें कि शेख हसीना के खिलाफ दर्जनों मुकदमे यही पर विचाराधीन हैं।
हसीना ने आरोप लगाया कि यूनुस मुझे और अवामी लीग को सियासी ताकत के तौर पर बेअसर करने की कोशिश में है। अपने विरोधियों को दबाने के लिए वे मौत की सजा का इस्तेमाल करेंगे। यह दिखाता है कि लोकतंत्र या उचित प्रक्रिया के प्रति उनका कितना कम सम्मान है।
अवामी लीग के बिना चुनाव होगा अवैध: हसीना
शेख हसीना ने चुनाव बहिष्कार से जुड़ी खबरों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि अगर अवामी लीग के बिना चुनाव होता है तो वह अवैध होगा। 'करोड़ों लोग हमारा समर्थन करते हैं। यह हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ा अवसर गंवाना होगा। बांग्लादेश को जनता की सच्ची सहमति से शासन करने वाली सरकार की सख्त जरूरत है। मुझे उम्मीद है कि यह मूर्खतापूर्ण प्रतिबंध हटा लिया जाएगा। चाहे सरकार में हो या विपक्ष में अवामी लीग को बांग्लादेश में सियासी बातचीत का हिस्सा होना चाहिए।
पिछले साल 5 अगस्त को हिसंक विरोध प्रदर्शन के बीच शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था। इसके बाद से वह भारत में हैं। 8 अगस्त 2024 को मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के प्रमुख के तौर पर शपथ ली थी।
