उत्तर प्रदेश के नोएडा में हर साल कई फ्लैट्स की बिक्री होती है जिसकी बहुत ज्यादा कीमत होती है। हर साल कीमतों में लगातार इजाफा भी होता है। कई बार हमने इन फ्लैट्स की खराब हालत के बारे में खबरों में सुना है। इस बार भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला। एक लड़के ने अपने फ्लैट का वीडियो शेयर किया है जिसमें उसने दिखाया कि घर की दीवार में आसानी से पेंसिल से छेद हो जा रहा है। इस वायरल वीडियो ने सबका ध्यान खींचा और फिर से लोगों के बीच नोएडा में बिकने वाले फ्लैट्स की क्वालिटी पर सवाल खड़ा कर दिया।
नोएडा में रहने वाले एक लड़के ने दिखाया कि कैसे एक लकड़ी की पेंसिल उसके 1.5 करोड़ रुपये के फ्लैट की दीवार में आसानी से घुस सकती है। इस वीडियो में लड़के ने दावा किया कि उसने पहले एक ड्रिल की कोशिश की, फिर उसे लगा कि दीवार इतनी कमजोर थी कि उसका सिर्फ एक पेंसिल से काम चल गया।
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वायरल वीडियो पर लोगों का रिएक्शन
सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होने के बाद बहस छिड़ गई है। कई लोगों ने इसे बिल्डरों के घटिया सामान के इस्तेमाल और धोखा देने का प्रूफ बताया। इस वीडियो के वायरल होने पर लोगों ने जमकर रिएक्शन दिया है। एक यूजर ने कहा, 'नटराज पेंसिल का कमाल'। एक ने लिखा, 'अंबुजा सीमेंट से घर नहीं अंबुजा सीमेंट से पेंसिल बनी है।' एक अन्य ने लिखा, 'दीवार इतनी खोखली है। उसकी आवाज ही डरावनी है।'
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इस वायरल वीडियो ने सुरक्षा को लेकर चिंताएं फिर से जगा दी है। कुछ एक्सपर्ट और रहने वाले लोगों ने कहा कि हो सकता है कि ये दीवारें गैर-संरचनात्मक AAC (Autoclave Aerated Concrete) ब्लॉक से बनी हो। इनका इस्तेमाल हाई राइज बिल्डिंग में वजन कम करने, इंसुलेशन और भूकंप से बचाने के लिए किया जाता है।
पारंपरिक ईंट की दीवारों की तुलना में काफी हल्के और छेद करने में आसान होते हैं। हालांकि, ये लोड-बेयरिंग दीवारें नहीं होती हैं। ये दीवारें संरचनात्मक वजन सहने के लिए नहीं होती, लेकिन एक आलीशान फ्लैट की दीवार में इतनी आसानी से छेद हो जाने ने लोगों की नाराजगी को जन्म दिया।
अच्छे घर की पहचान के लिए क्या करें?
- अगर आप किसी नए प्रोजेक्ट में इन्वेस्ट कर रहे हैं तो यह जरूर देखे कि रेरा (RERA) के तहत रजिस्टर्ड है या नहीं।
- घर की क्वालिटी की जांच के लिए किसी विश्वासी आर्किटेक्ट की मदद ले सकते हैं।
- बिल्डर के पिछले प्रोजेक्ट्स के बारे में अच्छे से जान लें।
- ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट की जांच करें। यह सर्टिफिकेट यह दर्शाता है कि बिल्डिंग नियमों के अनुसार बनीं और रहने लायक है कि नहीं।
- इसका जरूर ध्यान दें कि घर जहां भी बना हो उसका लोकल अथॉरिटी से अप्रूवल लिया गया हो।
