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मुस्लिम प्रभाव वाली सीमांचल की 24 सीटों पर NDA ने पलटा खेल, सीट व वोट दोनों बढ़े

बिहार के सीमांचल क्षेत्र में बीजेपी की पकड़ कमजोर मानी जाती है। मगर इस बार नतीजे काफी रोचक निकले। बीजेपी यहां सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। कांग्रेस को दो सीटों का नुकसान झेलना पड़ा है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। ( Photo Credit: PTI)

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बिहार के सीमांचल क्षेत्र की 24 विधानसभा सीटों को मुस्लिम प्रभाव वाली सीट माना जाता है। मगर अबकी बार यहां एनडीए की न केवल सीट बढ़ीं बल्कि उनके प्रत्याशियों को बंपर वोट भी मिले। पिछले चुनाव में बीजेपी ने छह सीटों पर जीत हासिल की थी। अबकी बार उसे एक सीट अधिक मिली है। कांग्रेस ने छह सीटें जीती थी। इस बार उसे दो सीटों का नुकसान उठाना पड़ा।  ओवैसी की पार्टी ने अपना पिछला प्रदर्शन बरकरार रखा। उसे उन्हीं पांच सीटों पर जीत मिली हैं, जहां पिछली बार जीती थी। सीमाचंल में जेडीयू को भी एक सीट का फायदा हुआ है। चिराग पासवान की पार्टी  ने दो सीट से यहां अपना खाता खोला है। आरजेडी को एक सीट मिली है। एनडीए ने 24 में से 14 सीटों पर जीत हासिल की है।

 


किशनगंज से कांग्रेस के कमरूल हुदा ने 12794 मतों से जीत हासिल की है। बीजेपी की स्वीटी सिंह को 76875 वोट मिले हैं। तीसरे नंबर पर एआईएमआईएम के शम्स अघाज हैं। पिछले चुनाव में स्वीटी सिंह को 59,697 वोट मिले थे। हार के बावजूद यहां बीजेपी को पिछले चुनाव के मुकाबले 17178 अधिक वोट मिले। 

 

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बहादुरगंज विधानसभा सीट पर ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने दूसरी बार जीत हासिल की है। पिछली बार मोहम्मद अंजार नईमी तो इस बार मोहम्मद तौसीफ आलम ने 28726 वोट से चुनाव जीता है। कांग्रेस के मोहम्मद मसावर आलम को 58589 वोट मिले। चिराग पासवान की पार्टी तीसरे स्थान पर रही। उनके प्रत्याशी मोहम्मद कलीमुद्दीन को कुल 57195 वोट मिले। पिछली बार एनडीए से वीआईपी ने चुनाव लड़ा था। उसे 40,640 वोट मिले थे। पिछले चुनाव के मुकाबले एनडीए को यहां 17949 अधिक वोट मिले।

 

अररिया सीट पर कांग्रेस के अबिदुर रहमान ने जेडीयू प्रत्याशी शगुफ्ता अजीम को 12741 मतों से शिकस्त दी। 53421 वोट के साथ एआईएमआईएम तीसरे स्थान पर रही। शगुफ्ता को कुल 78788 वोट मिले। यहां जेडीयू का वोट करीब 23670 बढ़ा है। 

 

सीमांचल की नरपतगंज विधानसभा सीट बीजेपी की देवंती यादव ने 25904 से निर्णायक बढ़त बना रखी है। दूसरे स्थान पर आरजेडी के मनीष यादव हैं। पिछले चुनाव के मुकाबले यहां बीजेपी को लगभग 17610 अधिक वोट मिले हैं। 

 

फारब‍िसगंज से बीजेपी के विद्या सागर केशरी को सिर्फ 221 मतों से चुनाव हारना पड़ा। कांग्रेस ने मनोज विश्वास यहां से विधायक बने हैं। पिछले चुनाव में जीत हासिल करने वाले विद्या सागर केशरी को 102,212 वोट मिले थे। अबकी बार उन्हें 17681 वोट अधिक मिले, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। 

 

सिकटी विधानसभा सीट पर बीजेपी के विजय कुमार मंडल ने एक बार फिर बाजी मारी है। वह अपने प्रतिद्वंद्वी वीआईपी प्रत्याशी हरि नारायण प्रमाणिक से करीब  19322 मतों से आगे हैं। विजय को 2020 में 84,128 वोट मिले थे। उसके मुकाबले इस बार 111342 वोट हासिल करने में कामयाब रहे।

 

पूर्णिया सीट पर विजय कुमार खेमका ने लगातर तीसरी बार कमल खिलाया है। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी जितेंद्र कुमार को 33222 वोट से हराया है। पिछली बार खेमका को 97,757 तो इस बार 127614 वोट मिले। इससे साफ है कि बीजेपी ने पूर्णिया में 97,757 वोट की बढ़त हासिल की है। 

 

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धमदाहा सीट पर जेडीयू की लेशी सिंह ने 55159 मतों के अंतर से चुनाव जीता है। आरजेडी के संतोष कुमार को कुल 83591 वोट मिले। लेशी सिंह साल 2010 से लगातार विधायक हैं। इस बार लेशी सिंह को पिछले चुनाव के मुकाबले 41693 अधिक वोट मिले।

 

बनमनखी सीट पर बीजेपी नेता कृष्ण कुमार ऋषि का दबदबा कोई नहीं तोड़ पाया। 45296 मतों के अंतर से उन्होंने चौथी बार जीत हासिल की। पिछले चुनाव की तुलना में इस बार ऋषि को 28900 अधिक वोट मिले। 

 

रुपौली सीट पर पांच बार की विधायक रहीं बीमा भारती को  73572 मतों के अंतर से जेडीयू के कलाधर प्रसाद मंडल ने हराया है। 2020 में जेडीयू को 64,324 वोट मिले थे। अबकी बार पार्टी को 124826 वोट यानी 60502 मत अधिक मिले। 

 

कस्बा से चिराग पासवान के प्रत्याशी नीतीश कुमार सिंह ने 12875 मतों से बाजी मारी है। कांग्रेस के इरफान आलम दूसरे स्थान पर हैं। अबकी बार एलजेपी (आर) को लगभग 26745 वोट ज्यादा मिले। 

 

कटिहार विधानसभा सीट पर बीजेपी तारकिशोर प्रसाद को 22154 वोट से जीत मिली है। वीआईपी के सौरव कुमार अग्रवाल दूसरे स्थान पर रहे। पिछले बार तारकिशोर प्रसाद को 82,669  वो मिले थे। इस बार उनका ग्राफ करीब 17586 वोट बढ़कर 100255 तक पहुंच गया।

 

बरारी विधानसभा सीट से जेडीयू के विजय सिंह दूसरी बार विधायक बने हैं। उन्होंने कांग्रेस के तौकीर आलम को 10984 वोट से हराया है। विजय सिंह को करीब 26090 वोट 2020 की तुलना में अधिक मिले। 

 

बलरामपुर से एलजेपी (आर) की संगीता देवी ने महज 389 मतों से जीत हासिल की है। 80070 वोट के साथ एआईएमआईएम के प्रत्याशी मोहम्मद आदिल हसन दूसरे स्थान पर रहे। दो बार के विधायक और भाकपा माले के महबूब आलम तीसरे स्थान पर रहे। इस बार एलजेपी को करीब 71510 वोट अधिक मिले। 

 

कदवा सीट पर जेडीयू के दुलाल चंद्र गोस्वामी ने 18368, प्राणपुर से बीजेपी की निशा सिंह ने दूसरी बार, कोढ़ा से बीजेपी की कविता देवी ने जीत हासिल की है।  बहादुरगंज, कोचाधामन, जोकीहाट, अमौर और बायसी सीट पर ओवैसी की पार्टी जीती है।


2025 में किसे-कितनी सीटें मिलीं

  • बीजेपी- 7 
  • कांग्रेस- 4
  • एआईएमआईएम- 5
  • जेडीयू- 5
  • आरजेडी- 1
  • एलजेपी (आर)-2

2020 में कौन-कितने सीटें जीतीं

  • कांग्रेस-6
  • एआईएमआईएम-5
  • बीजेपी- 6
  • जेडीयू-4
  • भाकपा- माले-2

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