आजादी के कई साल बाद मशहूर उद्योगपति और पूर्व सांसद नवीन जिंदल ने आम नागरिकों को तिरंगा फहराने के अधिकार दिलवाया।
1996 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि तिरंगा फहराना देश के हर नागरिक का मौलिक अधिकार है।
संविधान के अनुच्छेद 51A कहता है कि तिरंगे और राष्ट्रगान का सम्मान करना भारत के हर नागरिक का मौलिक कर्तव्य है।
तिरंगे की देखभाल करना चाहिए। इसे धूप, बारिश और धूल से बचाना चाहिए।
तिरंगे को सम्मानजनक तरीके से डिस्पोज करना चाहिए। इसे एकांत में कहीं जलाकर या दफनाकर या किसी अन्य तरीके से डिस्पोज करना चाहिए।
तिरंगे का अपमान करना गंभीर अपराध माना जाता है। इसके लिए 3 साल तक की जेल और जुर्माना लगाया जा सकता है।
तिरंगे के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए। इसके सामने सिर झुकाना और नमस्कार करना चाहिए।
तिरंगे का आकार आयताकार होना चाहिए। इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए।
वाहनों में राष्ट्रीय ध्वज के इस्तेमाल को लेकर सख्त नियम हैं। सिर्फ संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों के वाहन में ही तिरंगे को लगाया जा सकता है।