15 जनवरी 1949 को जब फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ बने थे, तब से यह दिवस मनाया जा रहा है।
यह दिन भारतीय सैनिकों की बहादुरी और बलिदान का सम्मान करता है। राष्ट्रीय सुरक्षा में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है, इसके लिए लोग कृतज्ञता जाहिर करते हैं।
इस दिन सैन्य परेड, पुष्पांजलि समारोह, पुरस्कार वितरण, शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
सेना दिवस समारोह को 'समर्थ भारत, सक्षम सेना' पर केंद्रित रहने के लिए कहा जाता है।
भारतीय सेना दिवस हमें राष्ट्र की रक्षा और शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने में सेना द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाता है।
इस दिवस के अवसर पर सेना की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने और नागरिकों को सेना के साथ जोड़ने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
इस दिन नागरिक सेना के साथ जुड़कर उनकी बहादुरी और बलिदान का सम्मान करते हैं।
इस दिन सेना की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
इस दिन नागरिक सेना के प्रति आभार व्यक्त करते हैं और उनकी बहादुरी और बलिदान का सम्मान करते हैं।