महिलाओं द्वारा पुरुषों को बांस की लाठियों से प्रेम से पीटने की अनोखी परंपरा।
महिलाओं द्वारा पुरुषों के कपड़े फाड़कर रंग डालने का मस्तीभरा उत्सव।
गुलाल की जगह फूलों से खेली जाने वाली होली।
होली के पांच दिन बाद रंगों का उत्सव मनाया जाता है, जो होलिका दहन से शुरू हो जाता है।
पारंपरिक लोकनृत्य, झांकियों और संगीत के साथ मनाया जाने वाला रंगीन कार्निवाल।
हल्दी मिश्रित पानी से खेली जाने वाली सुनहरी होली।
भगवान कृष्ण और राधा को समर्पित ढोल बजाते हुए रंगों का उत्सव मनाया जाता है।
छह दिन तक रंग, नृत्य और खेल प्रतियोगिताओं के साथ मनाया जाने वाला पर्व।
शास्त्रीय संगीत और भजन गाते हुए सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से मनाई जाने वाली होली।