रामायण में कुल 7 कांड होते हैं। वाल्मीकि रामायण पारंपरिक रूप से इन सात कांडों में बंटा हुआ है, जिनमें बाल कांड, अयोध्या कांड, अरण्य कांड, किष्किंधा कांड, सुंदर कांड, लंका कांड / युद्ध कांड और उत्तर कांड शामिल हैं।
इस कांड में भगवान राम के जन्म, बचपन और शिक्षा का वर्णन। विश्वामित्र ऋषि राम–लक्ष्मण को अपने साथ ले जाते हैं। ताड़का वध और संतों की रक्षा। जनकपुरी में भगवान राम का शिवधनुष भंग करना और सीता से विवाह जैसी घटनाओं का वर्णन बाल कांड में किया गया है।
राम के राज्याभिषेक की तैयारी। कैकेयी के वरदान: राम का वनवास और भरत का राज्याभिषेक। राम, लक्ष्मण और सीता का वन जाना। दशरथ का मृत्यु। भरत का चित्रकूट जाकर राम से मिलना और राम के चरण-चिह्नों के रूप में खड़ाऊं लेकर अयोध्या लौटने जैसी घटनाओं का वर्णन रामायण के अयोध्या कांड में किया गया है।
वन में राम, सीता और लक्ष्मण का जीवन। शूर्पणखा का आगमन और उसके अपमान की घटना। खर-दूषण का वध। रावण के जरिए सीता का हरण। जटायू और राम का मिलना। इन सारी घटना का जिक्र रामायण के अरण्य कांड में किया गया है।
राम की मुलाकात हनुमान और सुग्रीव से। बालि–सुग्रीव संघर्ष, बालि वध। सीता की खोज के लिए वानर सेना का गठन। हनुमान का दक्षिण दिशा में खोज दल में जाना। इन सारी घटना का वर्णन किष्किंधा कांड में किया गया है।
हनुमान का लंका जाना। सीता की खोज और अशोक वाटिका में उनसे भेंट। लंका दहन। हनुमान का राम के पास लौटकर संदेश देना। इन घटनाओं का वर्णन रामायण के सुंदर कांड में किया गया है
राम और रावण की सेना के बीच युद्ध। मेघनाद, कुम्भकर्ण और अंत में रावण का वध। सीता की अग्नि परीक्षा। विजयी होकर राम का अयोध्या लौटना (राम-राज्य की शुरुआत)। इन सारी घटना का जिक्र लंका कांड में किया गया है।
रामराज्य का वर्णन। सीता का वनवास और लव–कुश का जन्म। लव–कुश के जरिए राम को रामकथा सुनाना। अंत में राम का पृथ्वी से प्रस्थान और दिव्य धाम गमन। इन जैसी घटनाओं का वर्णन रामायण के उत्तर कांड में किया गया है।
इनमें से युद्ध कांड को कई जगह लंका कांड भी कहा जाता है। कुछ विद्वानों के अनुसार, इसे उत्तर कांड बाद में जोड़ा गया माना जाता है लेकिन परंपरागत रूप से इसे भी रामायण का हिस्सा माना जाता है।