RSS महासचिव दत्तात्रेय हसबोले ने कहा है कि इंडिया की जगह भारत का नाम लेना चाहिए।
दत्तात्रेय हसबोले ने कहा कि भारत का नाम संविधान में भी भारत है तो भारत को भारत ही कहो। बहुत हो गया।
विपक्ष ने उनके बयान पर ऐतराज जताया और कहा कि संघ का ही नाम बदल देना चाहिए।
भारत का नाम समय के साथ-साथ बदलता रहा है।
भारत का नाम हर दौर में बदलता रहा है। जम्बू द्वीप से लेकर इंडिया होने की कहानी पुरानी है।
वेद, पौराणिक ग्रंथों और जैन-बौद्ध ग्रंथों में भारत का नाम जम्बूद्वीप बताया जाता है। यह नाम 500 वर्ष ईसापूर्व तक प्रचलित रहा।
वैदिक काल और महाजनपद काल में भी भारत आर्यावर्त के तौर पर जाना जाता था। यह कालखंड 1500 ईसापूर्व स पहले का है।
1000 ईसापूर्व के पुराणों में, महाभारत में भारत वर्ष का जिक्र मिलता है।
फारसी और इस्लामिक आक्रमणों के बाद 12वीं से 19वीं शताब्दी के बीच यह शब्द खूब प्रचलित हुआ। 1200 के 1857 तक यह नाम रहा।
1600 ईस्वी के बाद अंग्रेज भारत आ गए। उनके आने के बाद से ही भारत को इंडिया कहा जाने लगा। 1858 से 1947 के बीच भारत को आधिकारिक तौर पर इंडिया कहा जाने लगा।
26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ। इंडिया आधिकारिक नाम हुआ। भारत भी आधिकारिक नाम हुआ।
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 1 कहता है, 'इंडिया दैट इज भारत...', इंडिया अर्थात भारत राज्यों का एक संघ होगा।