13 जनवरी, सोमवार से सनातन धर्म का महापर्व महाकुंभ मेला शुरू होने जा रहा है।
महाकुंभ में देश के विभिन्न हिस्सों से साधु-संत एकत्रित होते हैं और पवित्र स्नान करते हैं।
प्रयागराज कुंभ मेले में अखाड़े, खाक चौक, दंडीवाड़ा, आचार्य बाड़ा और प्रयागवाल नाम काफी चर्चित रहते हैं।
अखाड़े मुख्य रूप से हिंदू सन्यासियों और साधुओं के संगठन होते हैं, जिनका उद्देश्य धर्म की रक्षा और प्रचार-प्रसार करना है।
कुंभ मेले में खाक चौक साधुओं और सन्यासियों की गतिविधियों का केंद्र होता है।
दंडीवाड़ा दंडी स्वामी संप्रदाय से जुड़े साधुओं का विशेष स्थल होता है।
आचार्य बाड़ा उन स्थानों को कहते हैं, जहां विद्वान, धर्माचार्य और संतों द्वारा प्रवचन दिया जाता है।
प्रयागवाल वे ब्राह्मण होते हैं, जो प्रयाग क्षेत्र में रहने वाले धार्मिक और तीर्थ कर्मकांड के विशेषज्ञ माने जाते हैं।
महाकुंभ में ये सभी परंपराएं आस्था के बड़े और महत्वपूर्ण केंद्र हैं