प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेला दुनिया के सबसे बड़े आयोजनों में से एक है।
प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन 12 वर्षों के बाद हो रहा है, जहां करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं।
कुंभ मेले में पवित्र संगम स्नान के साथ-साथ तीर्थस्थलों के दर्शन का भी अपना एक विशेष महत्व है।
जानते हैं प्रयागराज के 5 तीर्थस्थल जिनके बिना अधूरा है कुंभ स्नान।
अक्षयवट से जुड़ी एक मान्यता यह है कि इस वृक्ष का संबंध पौराणिक काल से है।
यह मंदिर नाग देवता के लिए समर्पित है, जिनका इस्तेमाल समुद्र मंथन के दौरान रस्सी के रूप में किया गया था।
इस आश्रम को महर्षि भारद्वाज की तपस्थली है, जो गंगा के किनारे स्थित है।
मान्यता है कि कुंभ स्नान के बाद यहां दर्शन करने से व्यक्ति को भय और रोगों से मुक्ति मिलती है।
त्रिवेणी वह स्थान है जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का संगम होता है।