महाकुंभ से किस तरह अलग है अर्ध कुंभ

प्रयागराज में महाकुंभ

प्रयागराज में 144 वर्षों के बाद पूर्ण महाकुंभ का आयोजन शुरू हो चुका है।

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साधु-संत करते हैं स्नान

कुंभ मेले में सभी 13 अखाड़ों के साधु-संतों के साथ-साथ करोड़ों श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाते हैं।

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कितने प्रकार के कुंभ

बता दें कि कुंभ मेला 3 प्रकार के होते हैं, जिनका अपना एक विशेष महत्व है।

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कुंभ के 3 प्रकार

यह तीन प्रकार हैं- अर्ध कुंभ, महाकुंभ और पूर्ण महाकुंभ, जानते हैं इनमें अंतर।

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महाकुंभ कब होता है

बता दें कि महाकुंभ मेला हर 12 साल में चार स्थान- प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है।

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अर्ध कुंभ कब होता है

वहीं अर्ध कुंभ 6 वर्ष के अंतराल पर होता है जो विशेष रूप से प्रयागराज और हरिद्वार में होता है।

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कब होता है पूर्ण महाकुंभ

पूर्ण महाकुंभ तब आयोजित होता है जब 12 महाकुंभ हो जाते हैं।

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महाकुंभ में सभी अखाड़े

महाकुंभ की भांति ही अर्ध कुंभ में भी सभी बारह अखाड़ों के साधु-संत आते हैं।

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40 करोड़ भक्तों के आने का अनुमान

इस साल हो रहे महाकुंभ में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान।

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