मोटे अनाज में बाजरा, ज्वार, रागी (nachni), कोदो, सामा, कंगनी, सावां, चेना आदि शामिल है।
मोटे अनाज में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है जो पेट को लंबे समय तक भरा रखते हैं और ओवरईटिंग से बचाते हैं।
ज्वार, बाजरा जैसे अनाज धीरे-धीरे शुगर रिलीज करते हैं जिसमें इंसुलिन एकदम से स्पाइक्स नहीं होता है।
गेहूं नहीं पचता, एलर्जी या थायरॉइड है? मोटे अनाज सबसे सुरक्षित विकल्प हैं।
मोटे अनाज में अधिक फाइबर, कम कैलोरी और अधिक पोषण होता है। इससे न केवल मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है बल्कि बेली फैट भी कम होने लगता है।
मोटे अनाज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह धीरे-धीरे शुगर रिलीज़ करते हैं। इससे ब्लड शुगर स्थिर रहता है और इंसुलिन का स्तर कंट्रोल में रहता है।
रागी, बाजरा व कोदो जैसे अनाज लिवर को डिटॉक्स करते हैं और कब्ज, गैस, एसिडिटी जैसी समस्याओं में राहत देते हैं।
रागी कैल्शियम से भरपूर होती है जो हड्डियों और जोड़ों के लिए बहुत फायदेमंद है।
इन अनाजों में मैग्नीशियम, पोटैशियम, और घुलनशील फाइबर भरपूर होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखते हैं।