कांवड़ियों के लिए सबसे अहम हैं ये मंदिर

सावन महीने का महत्व

सावन का महीना भगवान शिव की उपासना के लिए समर्पित है, जिसे शिवभक्त बहुत पवित्र मानते हैं।

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सावन में की जाती है कांवड़ यात्रा

सावन के महीने में लाखों की संख्या में शिवभक्त कांवड़ यात्रा अलग-अलग शिव मंदिरों में पूजा अर्चना करता हैं।

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बाबा बैद्यनाथ धाम (देवघर, झारखंड)

यहां गंगाजल चढ़ाने के लिए कांवड़िये सुलतानगंज से पैदल यात्रा करते हैं, यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

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काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी, उत्तर प्रदेश)

शिव के इस पवित्र नगरी में सावन में लाखों श्रद्धालु दर्शन व जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं।

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नीलकंठ महादेव (ऋषिकेश, उत्तराखंड)

गंगाजल लेकर शिव को चढ़ाने वाले भक्तों से पूरा क्षेत्र कांवड़ियों से भर जाता है।

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त्र्यंबकेश्वर मंदिर (नासिक, महाराष्ट्र)

गोदावरी नदी के तट पर स्थित यह ज्योतिर्लिंग सावन में विशेष रूप से पूजित होता है।

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दक्षेश्वर महादेव (हरिद्वार, उत्तराखंड)

उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित इस शिवधाम में सावन के महीने में कई कांवड़िये जलाभिषेक के लिए आते हैं।

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महाकालेश्वर मंदिर (उज्जैन, मध्य प्रदेश)

सावन में यहां विशेष भस्म आरती और जलाभिषेक हेतु भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

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औघड़नाथ मंदिर (मेरठ, उत्तर प्रदेश)

भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर कांवड़ यात्रियों के लिए बड़ा पड़ाव है।

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