10वीं से 12वीं सदी में चंदेल राजाओं द्वारा निर्मित। प्रसिद्ध है अपनी अद्भुत नागर शैली की वास्तुकला और कामकला की मूर्तियों के लिए।
13वीं सदी का भव्य सूर्य मंदिर। इसे रथ के रूप में बनाया गया है, जिसमें 24 पहिए और सात घोड़े हैं।
पल्लव राजाओं द्वारा 7वीं-8वीं सदी में बनवाए गए। यहां चट्टानों को काटकर बनाए गए सुंदर मंदिर और गुफाएं हैं।
विष्णु और शिव को समर्पित यह मंदिर हाल ही में 2023 में वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल हुआ। बेलूर, हालेबिड और सोमनाथपुर में स्थित मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं।
विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हम्पी में स्थित। विट्ठल मंदिर परिसर का हिस्सा है, जो भगवान विष्णु के एक रूप को समर्पित है।
इसमें कई प्राचीन हिंदू देवी-देवताओं की आकृतियां भी हैं। यह स्थल मानव सभ्यता और धर्म के प्रारंभिक स्वरूप को दर्शाता है।
बृहदेश्वर (तंजावुर), गैंगाईकोंडा चोलपुरम और ऐरावतेश्वर (दराजुर) मंदिर शामिल हैं। यह शिव मंदिर दक्षिण भारतीय मंदिर अपनी वास्तुकला के प्रसिद्ध हैं।
हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मों की एकता का प्रतीक। यहां कैलाश मंदिर, भगवान शिव को समर्पित है, जो एक ही चट्टान को काटकर बनाया गया है।
बौद्ध गुफाओं के बीच कुछ स्थानों पर हिंदू देवी-देवताओं की आकृतियां भी मिलती हैं। यह स्थान धार्मिक और सांस्कृतिक प्रभाव का मिश्रण है।