कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्या कि बार-बार धरती कांपती है?
धरती के अंदर कई तरह की टैक्टोनिक प्लेटें होती हैं।
यह घूमती रहती हैं और आपस में टकराती हैं।
कई बार प्लेटें 4 से 5 मिलीमीटर तक खिसक जाती हैं।
इन प्लेटों के खिसकने से पैदा हुई ऊर्जा ही भूकंप है। प्लेटों के टकराने से ही भूकंप आता है।
जिन जगहों पर बार-बार प्लेटें टकाराती हैं, उन्हें फॉल्ट लाइन कहते हैं।
प्लेटों के टकराने से ही भूकंप आता है। जहां प्लेटें टकराती हैं, वहीं भूकंप का केंद्र होता है।
केंद्र में ही ज्यादा बड़ी तबाही मचती है।
अगर भूकंप 7 रिक्टर स्केल से ज्यादा है तो तबाही ज्यादा मचने की आशंका होती है।