प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार सुबह जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। ED ने सुबह-सुबह जेपी इंफ्राटेक के एमडी मनोज गौड़ को गिरफ्तार कर लिया है। मनोज गौड़ को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तार किया गया है।
इससे पहले मई में ED ने जेपी ग्रुप से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। मई में ED ने जेपी इंफ्राटेक, जयप्रकाश एसोसिएट्स और इससे जुड़ी कंपनियों के 15 ठिकानों पर छापा मारा था। इस दौरान एजेंसी ने 1.7 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी भी जब्त की थी।
अब ED ने जेपी इंफ्राटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज गौड़ को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (PMLA) के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के जुर्म में गिरफ्तार किया गया है।
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क्या है पूरा मामला?
दिल्ली और यूपी पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने जेपी इंफ्राटेक और जेपी एसोसिएट्स से जुड़ी कंपनियों और प्रमोटरों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इसी आधार पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था।
FIR में धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का आरोप लगाया गया था। आरोप है कि जेपी विशटाउन और जेपी ग्रीन्स जैसे प्रोजेक्ट में फ्लैट और प्लॉट देने के बहाने घर खरीदारों और निवशकों से धोखाधड़ी से निवेश करवाया गया था।
जानकारी के मुताबिक, जेपी ग्रुप ने फ्लैट का सौदा 2010-11 में किया था लेकिन सालों बाद भी पजेशन नहीं दी गई। घर खरीदारों ने कथित खरीदारों का विरोध किया था। इसके बाद 2017 में FIR दर्ज की थी।
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12 हजार करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग!
बताया जा रहा है कि फ्लैट और प्लॉट की सौदेबाजी में कथित तौर पर 12 हजार करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग हुई थी। इसी आरोप में ED ने मनोज गौड़ को गिरफ्तार किया है।
मई में ED की टीम ने दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और मुंबई में 15 ठिकानों पर छापा मारा था। इस दौरान ED ने जेपी ग्रुप से जुड़े प्रमोटर और उनकी कंपनियों के नाम पर ली गई संपत्ति के दस्तावेजों के साथ-साथ वित्तीय दस्तावेज और डिजिटल डेटा भी जब्त कर लिया था।
