अमेरिका और भारत के बीच चल रहे टैरिफ वॉर के बीच एक अच्छी खबर आई है। अमेरिका ने भारत के कॉफी, चाय, मसाले, ट्रॉपिकल फ्रूट और फ्रूट जूस जैसे प्रोडक्ट पर लगे 50 % टैरिफ को वापस ले लिया है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशंस (FIEO) के अनुसार, इससे लगभग 9000 करोड़ रुपये के कृषि निर्यात को बड़ी राहत मिलेगी। भारत के बाहर देशों में चाय, कॉफी का निर्यात बाजार काफी बड़ा है। जानते हैं भारत का चाय, कॉफी और मसालों का पूरी दुनिया में कितना बड़ा बाजार है?
भारत को दी गई छूट 12 नवंबर को व्हाइट हाउस के एक्जीक्यूटिव आर्डर से जारी किया गया जो कि 13 नवंबर से लागू हो गया। अमेरिका में खाने-पीने की चीजों के दाम लगातार बढ़ने के कारण डोनाल्ड ट्रंप की सरकार बैकफुट पर आ गई थी। भारत इन चीजों का एक बहुत बड़ा उत्पादक देश है। इसका नुकसान देश को भी कई मायनों में हो रहा था।
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दुनिया में इन चीजों का बाजार
1. मसालों का वैश्विक बाजार
भारत दुनिया में मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है। भारत को 'मसालों का कटोरा' भी कहा जाता है। वैश्विक बाजार में मूल्य के आधार पर भारत की हिस्सेदारी लगभग 12% है। PIB के अनुसार, देश ने FY- 2024-25 में लगभग 4.45 बिलियन डॉलर मूल्य के मसालों का निर्यात किया है। सबसे ज्यादा काली मिर्च, इलायची, मिर्च, हल्दी, जीरा और करी पाउडर का निर्यात किया गया है।
2. चाय का बाजार
भारत न केवल चाय का प्रमुख उत्पादक और उपभोक्ता है, बल्कि अपनी असम, दार्जिलिंग और नीलगिरी चाय के लिए दुनिया भर में फेमस है। चाय के मामले में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। भारतीय चाय बोर्ड के अनुसार, पूरी दुनिया में निर्यात होने वाली चाय का लगभग 10 % भारत से ही होता है। इससे 2024 में करीब 7000 करोड़ रुपये की आय हुई थी। भारत की ब्लैक टी कुल निर्यात का लगभग 96 % हिस्सा है।
3. कॉफी का बाजार
कॉफी के उत्पादन में भारत चाय जितना बड़ा खिलाड़ी नहीं है, लेकिन इसकी अरेबिका और रोबस्टा किस्मों की दुनिया में मांग तेजी से बढ़ी है। कॉफी के मामले में भारत दुनिया का सातवां सबसे बड़ा उत्पादक और पांचवां निर्यातक देश है। कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया के अनुसार, 2024-25 में निर्यात का 180 करोड़ अमेरिकी डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है। इसके प्रमुख खरीदार इटली, जर्मनी, बेल्जियम, रूस और तुर्की है। देश अपने कुल उत्पादन का लगभग 70% हिस्सा विदेशी बाजारों में निर्यात करता है।
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अमेरिका का बाजार
अमेरिका, भारतीय मसालों, चाय और कॉफी के लिए एक प्रीमियम बाजार है। यह न केवल भारतीय मूल के लोगों की मांग पर आधारित है, बल्कि अमेरिकी उपभोक्ताओं के बीच भी इनकी लोकप्रियता बढ़ रही है।
1. मसालों का बाजार
अमेरिका भारतीय मसालों का एक बड़ा उपभोक्ता है, जिसका मुख्य कारण मसालों की हाई क्वालिटी, वैरायटी और वहां रहने वाले इंडियन की मजबूत मांग है। भारत ने 2024 में अमेरिका को 50 करोड़ डॉलर से अधिक मूल्य के मसाले भेजे थे। संयुक्त राष्ट्र COMTRADE अंतर्राष्ट्रीय व्यापार डेटाबेस के अनुसार, 2024 में काली मिर्च (176.68 मिलियन डॉलर), जीरा/धनिया/सौंफ के बीज (81.46 मिलियन डॉलर), और हल्दी/अदरक (66.83 मिलियन डॉलर) प्रमुख निर्यातक थे।
2. चाय और कॉफी का बाजार
अमेरिका में चाय और कॉफी दोनों की खपत बहुत अधिक है। भारतीय चाय (विशेष रूप से असम, दार्जिलिंग और नीलगिरी) को विशिष्ट और हाई कॉस्ट वाले उत्पाद के रूप में देखा जाता है। COMTRADE के अनुसार चाय का अमेरिका में लगभग 6.62 करोड़ डॉलर का बाजार है। वहीं कॉफी का लगभग 1.61 करोड़ डॉलर का बाजार है, लेकिन इसका मुख्य आपूर्तिकर्ता ब्राजील है।
