बिहार विधान सभा 2025 के चुनाव नतीजे 14 नवंबर को आ गए। इसमें बीजेपी को 89 सीट, जनता दल यूनाइटेड (JDU) 85 सीट, राष्ट्रीय जनता दल (RJD), लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) - राम विलास को 19 और कांग्रेस को 6 सीटें मिलीं है। इस बार का चुनाव बेहद खास और चर्चा में रहा। चुनाव से ज्यादा सीटों के नतीजे चर्चा में रहे। कई हॉट सीट पर नतीजे बड़े दिलचस्प रहे, जिसमें से एक छपरा विधान सभा सीट जहां से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रत्याशी खेसारी लाल यादव की बहुत चर्चा थी। खेसारी लाल बीजेपी कैंडिडेट छोटी कुमारी से 7600 वोट से हार गए। छोटी कुमारी की पूरे चुनाव में इतनी चर्चा नहीं हुई जितनी खेसारी लाल की हुई थी।
खेसारी लाल यादव पूरे चुनाव में बहुत चर्चा में रहे। चाहे बाहरी बनाम बिहारी की लड़ाई, पवन सिंह के साथ चुनावी बहस आदि से हमेशा ही मीडिया में बने रहे। छोटी कुमारी पूरे लाइमलाइट से दूर चुनाव प्रचार में लगी रही। पूरे चुनाव में यह धारणा बनी हुई थी कि बड़े स्टारडम और लोकप्रियता के कारण खेसारी लाल आसानी से जीत दर्ज करेंगे, लेकिन नतीजा कुछ और ही निकला।
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कौन हैं छोटी कुमारी?
छोटी कुमारी बीजेपी की उम्मीदवार, स्थानीय नेता और सारण के छपरा विधानसभा क्षेत्र की वर्तमान जिला परिषद अध्यक्ष हैं। राजनीति में अपनी सक्रियता के लिए जानी जाने वाली छोटी कुमारी को बीजेपी ने मौजूदा विधायक सी. एन. गुप्ता की जगह मैदान में उतारा है। बीजेपी नेता जिला परिषद अध्यक्ष सहित कई प्रमुख पदों पर रह चुकी हैं। उनके पति धर्मेंद्र साह बीजेपी के जिला महासचिव हैं। वह वैश्य समुदाय से आती हैं जो लोकल वोटर का एक बहुत बड़ा हिस्सा है।
राजनीति में लगभग डेढ़ दशक पहले कदम रखने वाली छोटी कुमारी ने अपने अनुभव का इस्तेमाल बहुत अच्छे से किया। सारण लोकसभा क्षेत्र के 6 विधानसभा क्षेत्रों में से एक होने के नाते, बीजेपी और RJD जैसी पार्टियों के लिए पारंपरिक चुनावी सीटों में से एक है।
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1962 के बाद पहली बार जीती कोई महिला प्रत्याशी
साल 1962 के बाद यहां किसी महिला विधायक का चुनाव हुआ है। सबसे पहले कांग्रेस की सुंदरी देवी इस सीट से विधायक बनी थीं। उनके बाद अब छोटी कुमारी ने यह उपलब्धि हासिल कर जिले में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी को नई दिशा दी है।
बीजेपी नेता के लिए यह चुनाव आसान नहीं था। पार्टी का टिकट हासिल करने के लिए उन्हें काफी प्रयास करना पड़ा, लेकिन पार्टी ने उन पर भरोसा जताते हुए यहां से अपना उम्मीदवार बनाया। इस जीत ने यह साबित कर दिया कि ग्लैमर, लोकप्रियता हमेशा जीत की गारंटी नहीं होती।
