बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए 11 नवंबर को दूसरे चरण की वोटिंग संपन्न हो गई। चुनाव आयोग ने बताया कि दूसरे चरण में बिहार के वोटरों ने बंपर वोटिंग करते हुए 68.52% मतदान किया। इस बीच राज्य में मतदान होते ही एग्जिट पोल्स जारी कर दिए गए। एग्जिट पोल्स के रूझानों को देखने के बाद एनडीए खेमें में खुशी की लहर दौड़ पड़ी, जबकि महागठबंधन खेमें में निराशा छा गई। दरअसल, सभी एग्जिट पोल ने एनडीए की स्पष्ट बहुमत से सरकार बनती दिख रही है।
विभिन्न एग्जिट पोल्स के बीच TIF Research ने भी मंगलवार देर शाम अपना एग्जिट पोल जारी कर दिया। इसमें भी एनडीए बिहार में आसानी से सरकार बनाती दिखाई दे रही है। TIF Research एग्जिट पोल के मुताबिक, एनडीए को 145-163 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं, महागठबंधन को बिहार में हार का मुह देखना पड़ सकता है। इसके मुताबिक, महागठबंधन को 76 से 95 सीटें और अन्य को 3-6 सीटें मिल सकती हैं।
हालांकि, TIF रिसर्च का कहना है कि एनडीए की सीटें और भी ज्यादा हो सकती हैं, इस बात की संभावना कम है कि सीटें कम होंगी।
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किस दल की कितनी सीटें?
TIF रिसर्च के मुताबिक, आरजेडी को 61-72 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, जेडीयू को 64-71, बीजेपी को भी 64-71 सीटें आ सकती हैं। इसके अलावा कांग्रेस बुरा प्रदर्शन करते हुए 9-13 सीटें पा सकती है। चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी के हिस्से में 12-14 सीटें आ सकती हैं।
पार्टियों का वोट शेयर कितना रहेगा?
TIF रिसर्च ने अपने एग्जिट पोल में बताया है कि आरजेडी को 22.9-24 फीसदी, जेडीयू को 19.1-20 फीसदी, बीजेपी को 19.2-20 फीसदी, कांग्रेस को 7.7-8.1 फीसदी और एलजेपी को 4.7-5 फीसदी तक वोट शेयर मिल सकता है।
जाति और समुदाय के आधार पर पार्टी वोट
TIF रिसर्च के एग्जिट पोल के मुताबिक, सवर्ण जातियों ने ज्यादातर एनडीए पर अपना भरोसा जताया है, जबकि यादव और मुस्लिम ने महागठबंधन में विश्वास जताया है। इसके अनुसार, 63 फीसदी अति पिछड़ी जातियों ने एनडीए और 20 फीसदी महागठबंधन में भरोसा जताया। इसके अलावा 62.36 फीसदी ST जातियों ने एनडीए और 24.34 फीसदी ने महागठबंधन को वोट किया है। ज्यादातर एससी जातियों ने भी एनडीए को वोट दिया है।
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वहीं, ओबीसी जातियों में से 49 फीसदी एनडीए और 36 फीसदी ने महागठबंधन के ऊपर भरोसा जताया है। इसके अलावा 62 फीसदी कुशवाहा वोटर एनडीए के खेमें और 16 फीसदी ने महागठबंधन को वोट दिया है। 69 फीसदी कुर्मी जातियों ने एनडीए और 13 फीसदी ने महागठबंधन को चुना है। मल्लाह जातियों में से 53 फीसदी महागठबंध तो 31 फीसदी ने एनडीए को वोट किया है।
उम्र के अनुसार पार्टी को वोट
TIF रिसर्च ने अपने एग्जिट पोल में बताया है कि जेन-ज़ी और नौजवानों (18-30 साल) ने महागठबंधन के ऊपर भरोसा जताया है। इस उम्र के 42.32 फीसदी लोगों ने महागठबंधन और 39.99 फीसदी ने एनडीए को वोट किया है। वहीं, 31-45 साल के उम्र के लोगों में से 45.28 फीसदी ने एनडीए और 37.44 फीसदी ने महागठबंधन को वोट किया। अधेड़ उम्र (46-60) के 48.28 फीसदी लोगों ने एनडीए और 36.21 फीसदी ने महागठबंध को चुना है। आखिर में 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों यानी सीनियर सिटीजन ने एनडीए में भरोसा जताया है। 50.48 फीसदी इस उम्र के लोगों ने एनडीए को और 35.91 फीसदी ने महागठबंधन को वोट किया है।
जेंडर एक आधार पर वोटिंग
TIF रिसर्च के एग्जिट पोल के अनुसार, पुरुषों और महिलाओं दोनों ने एनडीए को खुलकर वोट दिया है। इसमें 42.79 फीसदी पुरुष और 48.38 फीसदी महिलाओं ने एनडीए में भरोसा जताया है। वहीं, 40.61 फीसदी पुरुष और 34.72 फीसदी महिलाओं ने महागठबंधन को वोट दिया है।
