बिहार विधानसभा चुनावों के बाद 14 नवंबर को अगर एनडीए सत्ता में लौटती है तो राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार होंगे या नहीं, यह सबसे बड़ा सवाल है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से बार-बार यह सवाल विपक्ष कर रहा है। खुद गृहमंत्री अमित शाह से यह सवाल कई बार हो चुके हैं। उन्हें यहां तक कहना पड़ा कि यह हम कैसे तय कर सकते हैं, विधायक दल की बैठक होगी, दल सदन में अपना नेता चुन लेगा।
अमित शाह के बयानों से विपक्ष ने यह अटकलें लगाई हैं कि अगर एनडीए को बहुमत मिलता है तो जैसे महाराष्ट्र में हुआ था, वैसे ही बिहार में होगा। 30 जून 2022 को जब शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे, उद्धव ठाकरे की पार्टी से 40 विधायकों को लेकर एनडीए में शामिल हुए थे, तब वही मुख्यमंत्री बने थे। साल 2024 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में शिवसेना के पास 57 सीटें हैं लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हैं।
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'JDU ने किया साफ, बिहार जीते तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार'
जनता दल यूनाइटेड ने साफ कर दिया है कि अब बिहार के मुख्यमंत्री सिर्फ नीतीश कुमार ही बनेंगे, बीजेपी नहीं तय करेगी कि मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा। बिहार में एनडीए गठबंधन 5 अलग-अलग दलों से बना है। गठबंधन में 5 पार्टियां शामिल हैं, बीजेपी, जेडीयू, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा, लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) और राष्ट्रीय लोक मंच। अभी मुख्यमंत्री पद पर दलों की सहमति नहीं है लेकिन यह चुनाव नीतीश कुमार की अगुवाई में ही लड़ा जा रहा है।
जनता दल (यूनइटेड):-
सिर्फ 5 दिनों का इंतजार, फिर लौटेगी नीतीश सरकार।
नीतीश कुमार CM नहीं होंगे, ऐसी अटकलें क्यों लगीं?
विपक्ष ने यही तर्क दिया है कि अगर एनडीए सत्ता में लौटती है तो नीतीश कुमार सत्ता में नहीं लौटेंगे। अब खुद नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने ही साफ कर दिया है कि अगर बिहार में वह सत्ता में लौटेंगे तो मुख्यमंत्री बीजेपी नहीं, जेडीयू ही तय करेगी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही रहेंगे। बिहार में फिर से नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे।
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नीतीश कुमार को हटाना मुश्किल क्यों है?
भारतीय जनता पार्टी, अपने दम पर लोकसभा में बहुमत से बहुत दूर है। बीजेपी के पास सिर्फ 240 सीटें हैं। एनडीए गठबंधन की वजह से सत्ता में है। नीतीश कुमार की जेडीयू के पास 12 सीटें हैं, चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई वाली पार्टी, टीडीपी के पास 16 सीटें हैं। लोकसभा में बहुमत के लिए कम से कम 272 सीटें चाहिए। बीजेपी अकेले दम पर यह नहीं कर सकती है। जाहिर सी बात है कि बिहार में अगर एनडीए की जीत होती है तो नीतीश कुमार को सीएम न बनाने का प्लान, बीजेपी पर भारी पड़ सकता है।
