भारत दुनियाभर में एक बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर चुका है। भारत से जाने वाले कर्मचारी दुनिया के अलग-अलग देशों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। OECD की इंटरनेशनल माइग्रेशन आउटलुक 2025 रिपोर्ट के मुताबिक, कई विकसित देश कुशल कर्मचारियों के लिए भारत पर निर्भर हैं। विकसित देशों में कुशल कर्मचारी भेजने में भारत दुनिया में सबसे आगे है। मेडिकल, होम केयर से लेकर टेक्नॉलॉजी से जुड़ी कंपनियों में भारी संख्या में भारतीय वर्कर्स काम कर रहे हैं।
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) 38 लोकतांत्रिक देशों का संगठन है। इस संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनियाभर में वर्कर्स भेजने में सबसे तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में ही करीब 6 लाख भारतीय OECD देशों में गए थे, जो पिछले साल की तुलना में 8 प्रतिशत ज्यादा है। भारत से सिर्फ कम मजदूरी पर काम करने वाले कामगार ही विदेश नहीं जाते बल्कि कुशल प्रोफेशनल्स के रूप में भी भारत से वर्कर्स दुनियाभर में काम कर रहे हैं।
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हर सेक्टर में भारतीय वर्कर्स
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने दुनिया को सिर्फ वर्कफोर्स ही नहीं दिया बल्कि क्वालिटी टैलेंट, भरोसा और स्किल्स भी एक्सपोर्ट की हैं। भारत से महिलाएं और पुरुष दोनों भारी मात्रा में विदेश में काम करने जा रहे हैं। कई युवा पढ़ाई करने विदेश जाते हैं और इसके बाद उन्हीं देशों में काम शुरू कर देते हैं। भारतीय महिलाएं अब केयरगिविंग, एजुकेशन जैसे सेक्टर में नौकरी के लिए विदेश जा रही हैं। पढ़ाई के बाद युवा हेल्थ, IT और रिसर्च सेक्टर में अपनी पहचान बता रहे हैं। भारत से स्किल्ड वर्कर्स की दुनियाभर में मांग बढ़ रही है।
OECD की रिपोर्ट के अनुसार, सदस्य देशों में विदेशी डॉक्टरों में भारत टॉप तीन में और नर्सों में टॉप 2 में शामिल है। भारतीयों की संख्या हेल्थकेयर में तेजी से बढ़ रही है और यूके हेल्थ एंड केयर वीजा और आयरलैंड के इंटरनेशनल मेडिकल ग्रेजुएट ट्रेनिंग प्रोग्राम जैसे प्रोग्राम्स से भारतीयों को इन देशों में नौकरी पाने में और ट्रेनिंग लेने का मौका मिल रहा है। हालांकि, इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को खुद अपने हेल्थकेयर और स्किल सेक्टर की प्लानिंग को मजबूत करना होगा।
टेक वर्कर्स में भी भारत आगे
भारतीय टेक वर्कर्स भी दुनिया के कई देशों में जॉब कर रहे हैं और इनकी मांग लगातार बढ़ रही है। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी जैसे देशों में भी भारतीय टेक वर्कर्स अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के कई विकसित देशों में स्किल्ड वर्कर्स की जरूरत है और भारत इस जरूरत को पूरा कर रहा है। भारत कई देशों में स्किल्ड वर्कर्स सप्लाई कर रहा है। मिडिल ईस्ट में तो सबसे ज्यादा भारतीय वर्कर्स ही नौकरी करते हैं। मिडिल ईस्ट में कंस्ट्रक्शन से लेकर हेल्थकेयर सेक्टर तक हर जगह भारतीयों का बोलबाला है।
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सख्त नियमों के बीच भारतीयों को मौका
तेजी से बढ़ती माइग्रेशन के कारण कई देशों ने वीजा नियमों को सख्त किया है। इन वीजा नियमों के चलते वीजा मिलने में देरी होना या फिर मंहगा हो जाने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद भारतीय कर्मचारियों की मांग लगातार बढ़ रही है। कई देशों में भारतीयों को भर्ती किया जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इंटरनेशनल जॉब मार्केट में भारतीय महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ रही है। एजुकेशन और हेल्थकेयर में बड़ी संख्या में महिलाएं काम कर रही हैं।
बता दें कि OECD ज्यादातर अमीर और लोकतांत्रिक देशों का एक संगठन है। इसका मकसद, सदस्य देशों में आर्थिक ग्रोथ, नौकरियां, अच्छा लाइफस्टाइल और पैसों की स्थिरता बढ़ाना है। इसके साथ ही दुनिया भर में व्यापार को बढ़ाना, गरीब देशों की मदद करना, अच्छी पॉलिसी सुझाना और बराबरी वाला समाज बनाना है। यह कोई नियम नहीं बनाता लेकिन सदस्य देशों को सलाह जरूर देता है।
