41 किलोमीटर लंबी और 10 फीट चौड़ी गाजा पट्टी को कभी संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने 'धरती का जहन्नुम' कहा था। अब यह सच में 'धरती का जहन्नुम' बन गई है। वह भी दो साल में। दो साल पहले तक गाजा पट्टी में भी लोग खुशी-खुशी अपनी जिंदगी गुजारते थे। मगर 2023 की 7 अक्टूबर उनके लिए एक ऐसा 'बुरा सपना' बनकर आई, जिसे चाहकर भी नहीं भुलाया जा सकता। हमास के लड़ाकों ने जो कत्लेआम मचाया था, उसका बदला लेने के लिए इजरायल ने गाजा में 'जंग' छेड़ दी। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कसम खा ली कि जब तक हमास का खात्मा नहीं हो जाता, तब तक जंग भी खत्म नहीं होगी।
आज फिर एक 7 अक्टूबर आई है। 2023 की 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर रातोरात 5 हजार से ज्यादा रॉकेट दागे थे। इसके बाद इजरायल में घुसकर पार्टी कर रहे लोगों पर गोलीबारी की। 250 लोगों को बंधक बना लिया गया।
हमास ने जो कत्लेआम मचाया था, उसका बदला लेने के लिए इजरायल ने गाजा में जंग का एलान कर दिया। दो साल से जंग चल रही है। गाजा से शुरू हुई जंग की आंच मध्य पूर्व के बाकी देशों तक भी पहुंची। इजरायल की बमबारी ने गाजा को खंडहर में बदल दिया है। अस्पताल के अस्पताल, स्कूल के स्कूल और घर के घर... सबकुछ तबाह हो गए हैं। दो साल की जंग में गाजा में 67 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है।
संयुक्त राष्ट्र ने अपनी एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया था कि इस जंग ने गाजा को 69 साल पीछे धकेल दिया है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, गाजा से मलबा हटाने में ही 21 साल का वक्त लग जाएगा।
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दो साल में कैसे तबाह हो गया गाजा?
- मौतें: दावा है कि 7 अक्टूबर 2023 से अब तक गाजा में इजरायली हमलों में 67 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में हर 3 में से 1 की उम्र 18 साल से कम है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, इन हमलों में 1.67 लाख से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। अब भी हजारों लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। 27 मई से 22 सितंबर के बीच इजरायली हमलों में 2,340 लोगों की मौत खाने की लाइन में खड़े-खड़े हो गई।
- भुखमरी: इजरायल ने गाजा की नाकेबंदी भी कर दी थी। इस कारण मदद और राहत पहुंचाने वाले ट्रक गाजा तक नहीं पहुंच सके। गाजा में अब जबरदस्त भुखमरी है। लोगों को एक वक्त का खाना भी नहीं मिल रहा है। संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि गाजा की पूरी की पूरी 20 लाख की आबादी संकट में है। इनमें से 5 लाख लोग तो ऐसे हैं, जिनकी मौत कभी भी हो सकती है। इजरायल पर भुखमरी को हथियार की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लग रहा है। UN के मुताबिक, दो साल में भुखमरी से 440 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 150 बच्चे हैं।

- अस्पताल तबाह: 7 अक्टूबर 2023 से पहले तक गाजा में 36 अस्पताल हुआ करते थे। अब इनमें से 34 पूरी तरह से मलबे में तब्दील हो चुके हैं। बाकी जो बचे भी हैं, वह अब सिर्फ नाम के अस्पताल रह गए हैं। अनुमान है कि दो साल की जंग में इजरायली सेना ने कम से कम 400 बार अस्पतालों और मेडिकल फैसिलिटी पर हमला किया है। 150 से ज्यादा एंबुलेंस भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। अस्पतालों में उनकी क्षमता से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। थोड़े-बहुत बचे हुए अस्पतालों में न तो बिजली है और न ही दवाइयां।
- स्कूल: एजुकेशन मिनिस्ट्री का दावा है कि इजरायली हमलों में गाजा के 179 सरकारी स्कूली पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र के 100 से ज्यादा स्कूल भी या तो तबाह हो गए हैं या किसी काम के नहीं रहे। 80 से ज्यादा यूनिवर्सिटीज को भी नुकसान हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, जंग के दो साल में 18 हजार से ज्यादा स्कूली छात्र मारे जा चुके हैं। एक हजार से ज्यादा शिक्षकों की जान भी जा चुकी है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि कोविड के बाद हालात थोड़े सुधरे थे लेकिन जंग ने इसे बदतर कर दिया। गाजा के 6.60 लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ाई से वंचित हैं।

- विस्थापन: गाजा की 21 लाख आबादी में से 19 लाख से ज्यादा विस्थापित हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि जंग शुरू होने के बाद लगभग हर परिवार उजड़ चुका है। मार्च 2025 के बाद से ही लगभग 12 लाख लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। गाजा की 88 फीसदी जमीन पर अब इजरायली सेना कब्जा कर चुकी है। शहर के शहर उजड़ चुके हैं। ज्यादातर लोग अपनी संपत्तियां तो बेच चुके हैं या फिर तबाह हो चुकी है। उत्तरी गाजा में 70 से ज्यादा शेल्टर भारी भीड़, तबाही और संसाधनों की कमी के कारण बंद हो चुके हैं।
- पर्यावरण को नुकसान: गाजा की इस जंग में पर्यावरण को भी जबरदस्त नुकसान पहुंचा है। संयुक्त राष्ट्र ने सितंबर 2025 की रिपोर्ट में चेतावनी दी थी कि गाजा के पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई में दशकों लग सकते हैं। पीने का साफ पानी न के बराबर है। गाजा के 98.5% खेत उजड़ चुके हैं। 97% पेड़ और 82% मौसमी फसलें नष्ट हो चुकी हैं, जिससे खाने का संकट खड़ा हो गया है। लगभग 2.50 इमारतों में से 78% पूरी तरह से तबाह हो गई हैं। इनसे 6.1 करोड़ टन मलबा निकला है, जिनसे खतरनाक गैसें निकल रही हैं।
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... और इजरायल को क्या मिला?
हमास को इजरायल आतंकी संगठन मानता है। 7 अक्टूबर 2023 को जब इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा में जंग का ऐलान किया था, तब उन्होंने इस जंग के दो मकसद बताए थे। पहला- हमास को पूरी तरह से खत्म करना। और दूसरा- सभी बंधकों की रिहाई।
दो साल की जंग में न तो हमास पूरी तरह से खत्म हुआ और न ही बंधकों की रिहाई हुई। 7 अक्टूबर 2023 को हमास 250 लोगों को बंधक बनाकर ले गया था। कई बंधकों को रिहा किया जा चुका है लेकिन अब भी 48 बंधक हमास के कब्जे में हैं। इजरायल का मानना है कि इनमें से सिर्फ 20 ही जिंदा बचे हैं।
रही बात की हमास की तो इसे अमेरिका और यूरोप भी आतंकी संगठन मानता है। इन दो साल की जंग में हमास के कई बड़े कमांडर मारे गए हैं। इनमें याह्या सिनवार और इस्माइल हानिया प्रमुख हैं। हालांकि, गाजा में हमास अब भी एक्टिव है और इजरायल से जंग लड़ रहा है।
इन दो साल की जंग में इजरायल को अगर कुछ मिला है तो वह यह कि उसके दुश्मन अब कमजोर हो गए हैं। हमास के हजारों लड़ाके इस जंग में मारे जा चुके हैं। हमास की मदद करने वाले दो आतंकी संगठन- लेबनान का हिज्बुल्लाह और यमन के हूती विद्रोहियों पर इजरायल ने हमला किया। इन दोनों को कथित तौर पर ईरान से मदद मिलती है। दो साल की जंग में इजराय ने न सिर्फ हिज्बुल्लाह और हूती के ठिकानों पर बमबारी की, बल्कि ईरान पर भी कई हमले किए। दिसंबर 2024 में सीरिया से बशर अल-असद के तख्तापलट के बाद ईरान ने अपना एक और सहयोगी खो दिया। कुल मिलाकर इस जंग से न सिर्फ हमास कमजोर हुआ, बल्कि हिज्बुल्लाह, हूती और ईरान को भी खासा नुकसान पहुंचा है।

गाजा में जंग का इजरायल को भी नुकसान उठाना पड़ा है। जुलाई 2025 तक इस जंग में लगभग 900 इजरायली सैनिकों की मौत हो चुकी है। इतना ही नहीं, जंग से पहले तक लगभग 140 देश ऐसे थे जिन्होंने फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता दी थी। जंग शुरू होने के बाद से अब तक 20 और देश ऐसे बन गए हैं, जिन्होंने फिलिस्तीन को मान्यता दी है, जिनमें फ्रांस, यूके, स्पेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा भी शामिल है।
इन सबके बीच पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा के लिए 20 पॉइंट का पीस प्लान पेश किया था। इसके तहत, हमास को सरेंडर करना होगा और सभी बंधकों को रिहा करना होगा। बदले में इजरायल भी फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा और गाजा पर कब्जा नहीं करेगा। इस पीस प्लान को लेकर मिस्र में बैठक भी शुरू हो गई है। उम्मीद है कि दो साल से चल रही इस जंग का अंत जल्द ही होगा।
