कॉफी नवर्स सिस्टम को स्टिमुलेट करता है जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और हार्ट बीट तेज होती है इसलिए माना जाता है कि यह एट्रियल फिब्रिलेशन (AFib) AFib को बढ़ा सकता है। लंबे समय से कहा जा रहा है कि कॉफी पीने से AFib का खतरा बढ़ जाता है। एट्रियल फिब्रिलेशन को हार्ट एरिथमिया कहा जाता है। एरिथमिया एक प्रकार की बीमारी है जिसमें दिल की धड़कने अनियमित रूप से धड़कती है इसलिए एफआईबी वाले मरीजों को कॉफी पीने से बचने की सलाह दी जाती है।
हाल ही में एक नई स्टडी हुई है जिसमें बताया गया कि कॉफी एफआईबी के मरीजों के लिए नुकसानदायक नहीं है। इस स्टडी में 200 मरीजों का शामिल किया गया है। इस स्टडी को 6 महीने तक किया गया।
यह भी पढ़ें- असली या नकली अंडा, कैसे पता करें? खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
हार्ट के मरीज के लिए खतरनाक नहीं है कॉफी
इस स्टडी में कुछ लोगों ने रोजाना कॉफी का सेवन किया और कुछ ने कॉफी से पूरी तरह से परहेज किया। स्टडी में पाया गया कि जिन लोगों ने रोजाना कॉफी पी उन मरीजों में AFib दोबारा होने का जोखिम कम पाया गया। इसका मतलब है कॉफी इस बीमारी को ट्रिगर नहीं करती है। यह स्टडी Jama Journal में पब्लिश हुई।
स्टडी मे पाया गया कि नियमित रूप से कॉफी पीने वालों में एट्रियल फिब्रिलेशन दोबारा होने का जोखिम 39% से 40% तक कम पाया गया। स्टडी में मरीजों की औसतन उम्र 69 साल थी जिसमें ज्यादातर मरीज पुरुष थे। यह सभी मरीज रोजाना एक कप कॉफी पीते थे। इस स्टडी में लोगों को दो ग्रुप में बांटा गया था। पहले ग्रुप के लोगों को रोज कॉफी पीनी थी। दूसरे ग्रुप को कॉफी से पूरी तरह से दूर रहना था।
कॉफी पीने वाले 47% लोगों को एएफआईबी दोबारा हुआ और दूसरा ग्रुप जिसमें लोग कॉफी नहीं पीते थे उसमें 64% लोगों को एएफआईबी दोबारा हो गया। इसका मतलब है कि 40 % कम जोखिम पीने वालों में देखा गया था।
यह भी पढ़ें- सर्दियों में जरूर लगाएं ये पौधे, सांस संबंधी, शुगर के मरीजों के लिए फायदेमंद
कॉफी पीने के फायदे
कॉफी एडिनोसाइन रिस्पटर को ब्लॉक करती है जो शरीर में नींद और उर्जा को नियंत्रित करने का काम करता है।
कॉफी में एंटी इन्फेलेमटरी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।
कॉफी पीने वालों की लाइफस्टाइल वाली एक्टिव हो सकती है।
