हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में विंग कमांडर नमांश स्याल को अंतिम विदाई दी गई। विंग कमांडर के माता-पिता, पत्नी और छह साल की बेटी ने नम आंखों से अंतिम श्रद्धाजंलि दी। आखिरी पलों में उनकी पत्नी विंग कमांडर अफशां ने अपने पति को सैल्यूट किया और फफक कर रो पड़ीं। 

 

भारतीय वायुसेना के जवानों ने भी आखिरी सलामी दी। विंग कमांडर नमांश स्याल एक कुशल पायलट थे। वह हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पटियाकर गांव के रहने वाले थे। 21 नवंबर को दुबई एयर शो के आखिरी दिन एरियल डिस्प्ले के वक्त उनका तेजस विमान हादसाग्रस्त हो गया था।

 

बेटे को आखिरी विदाई देते वक्त विंग कमांडर नमांश स्याल के पिता जगन नाथ स्याल ने कहा कि मैंने अपना बेटा खोया है और देश ने एक होनहार पायलट खोया है। क्षति मेरी और देश दोनों की हुई है। बेटे के वीरगति प्राप्त होने पर उन्होंने कहा कि बहुत कम लोगों को यह मौका मिलता है। बेटे ने कभी निराश नहीं किया। जिस भी प्रतियोगिता में गया उसमें अव्वल ही आया।

 

उन्होंने कहा कि आखिरी बार जब बेटे से कहा कि एयर शो हो रहा है। उसकी फोटो तो उसने कहा कि यूट्यूब पर आ रहा है। जब यूट्यूब खोलो तो यह खबर मिली।

 

 

 

 

नमांश को गांववाले प्यार से नम्मू बुलाते थे। हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों ने अपने प्यारे नम्मू को आखिरी विदाई थी। चचेरे भाई ने चिता को मुखाग्नि दी। नमांश का पार्थिव शरीर रविवार को दुबई से तमिलनाडु के सुलूर एयरफोर्स बेस लाया गया। यहां से हिमाचल प्रदेश के गग्गल एयरपोर्ट ले जाया गया। फूले से सजे सेना के ट्रक में जब नमांश का पार्थिव शरीर पहुंचा तो हर आंख नम हो गई।

 

 

पिता जगननाथ स्याल ने कहा कि नमांश का जाना न केवल मेरे लिए बल्कि देश के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने कहा कि देश में सिर्फ चार एरोबैटिक पायलट थे। नमांश उनमें एक था। ग्रामीणों ने नारा लगाया कि 'जब तक सूरज चांद रहेगा, नम्मू तेरा नाम रहेगा'।

 

 

 

बता दें कि विंग कमांडर नमांश स्याल और उनकी पत्नी की पहली मुलाकात पंजाब के पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन में हुई थी। बाद में दोनों ने साल 2014 में शादी कर ली थी। दोनों की छह वर्ष की एक बच्ची है। अंतिम यात्रा में हिमाचल प्रदेश के खेल मंत्री अनिल गोमा, हिमाचल प्रदेश टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के चेयरमैन आरएस बाली और बीजेपी नेता विपिन परमार पहुंचे।