राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए कार धमाके के मामले में बड़ा खुलासा किया है। एजेंसी ने पहली बार कार चला रहे डॉ. उमर उन नबी को 'आत्मघाती हमलावर' बताया है। कार को 'व्हीकल-बोर्न IED' कहा है। इसका मतलब, यह एक ऐसा बम था, जिसे कार या बाइक में फिट किया जा सकता था। भीड़भाड़ वाली जगहों पर धमाका करने के लिए आतंकी इस तरह के बमों का इस्तेमाल करते हैं।
NIA ने रविवार को कश्मीर के एक प्लंबर अमीर राशिद अली को गिरफ्तार किया, जो इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता है। अमीर ने ही वह हुंडई i20 कार खरीदी थी, जो धमाके में इस्तेमाल हुई। यह कार अमीर के नाम पर रजिस्टर्ड थी। अमीर कश्मीर के पंपोर का रहने वाला है।
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असिस्टेंट प्रोफेसर, आत्मघाती हमलावर कैसे बना?
अमीर ने उमर के साथ मिलकर यह आतंकी हमला किया। उमर कार चला रहा था, जब 10 नवंबर शाम 6:52 बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास ट्रैफिक सिग्नल पर धमाका हुआ। इसमें 11 लोगों की मौत हो गई। फॉरेंसिक जांच से पता चला कि उमर पुलवामा का रहने वाला था और अल फलाह यूनिवर्सिटी में मेडिसिन का असिस्टेंट प्रोफेसर था।
धमाके की प्लानिंग कैसे हुई?
अमीर दिल्ली आया था, कार खरीदने में उसी ने मदद की थी। 29 अक्टूबर को अमीर, उमर और एक कार डीलर सोनू, फरीदाबाद के सेक्टर 27 में पेट्रोल पंप पर कार का 'पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल' सर्टिफिकेट बनाने गए थे। NIA ने उमर की एक और कार जब्त की है, जिसकी जांच चल रही है। अब तक 73 गवाहों से पूछताछ हो चुकी है, जिनमें घायल लोग भी शामिल हैं।
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NIA ने अब तक क्या किया है?
पहले तीन और कारें जब्त की गई थीं – सिल्वर मारुति ब्रेजा, लाल फोर्ड इकोस्पोर्ट और मारुति स्विफ्ट डिजायर। जांच में पता चला है कि जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैला एक 'सफेदपोश आतंकी नेटवर्क' महीनों से हमला प्लान कर रहा था।
NIA को किन सवालों का नहीं मिला जवाब?
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अलग FIR दर्ज की है। जांच में विस्फोटक कहां से आए, पैसे कहां से आए और विदेशी कनेक्शन हैं या नहीं, यह पता लगाया जा रहा है। NIA की टीमें कई राज्यों में छापे मार रही हैं। जांच अभी जारी है और ज्यादा गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
