दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) पर पिछले कुछ हफ्तों से हो रही जीपीएस स्पूफिंग (फर्जी सिग्नल भेजने) की अनोखी घटना की जांच अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल के दफ्तर ने शुरू कर दी है। यह समस्या इतनी गंभीर है कि NSA कार्यालय कई हवाई और रक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहा है। आमतौर पर ऐसी स्पूफिंग सिर्फ युद्ध वाले इलाकों में देखी जाती है।
एयरपोर्ट से करीब 60 नॉटिकल मील (लगभग 110 किलोमीटर) दूर से आने वाले विमानों को गलत लोकेशन, गलत दिशा और हवा में चक्कर लगाने की झूठी चेतावनी मिल रही है। दिल्ली एयरपोर्ट पर यह पहली बार हो रहा है। एयरपोर्ट की 'ऑटोमैटिक टर्मिनल इंफॉर्मेशन सर्विस' लगातार पायलटों को अलर्ट जारी कर रही है। एयरलाइंस भी अपने पायलटों को पहले से बता रही हैं।
यह भी पढ़ें: लाल किला ब्लास्ट: जिस कार में हुआ धमाका, उसे चलाने वाले उमर की फोटो आई सामने
DGCA ने लिया बड़ा फैसला
स्पूफिंग की वजह से विमान मुख्य रनवे 10/28 के 10 नंबर (द्वारका साइड) पर नहीं उतर पा रहे थे। इससे एयरपोर्ट पर भारी भीड़ हो गई थी। भारत के इस सबसे व्यस्त एयरपोर्ट पर रोजाना करीब 1550 उड़ानें भरी जाती हैं। कुछ विमान जयपुर जैसे दूसरे एयरपोर्ट पर डायवर्ट भी हो गए।
इस समस्या को देखते हुए DGCA के चीफ फैज अहमद किदवई ने सोमवार को रनवे 10/28 के 10 नंबर पर CAT-1 इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) को तुरंत शुरू करने की मंजूरी दे दी। पहले यह 27 नवंबर को होना था, लेकिन अब इसे जल्दी कर दिया गया है।
एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया मंगलवार तक पायलटों को नोटिस (NOTAM) जारी कर देगी। अब पूर्वी हवाएं चलने पर भी द्वारका साइड से विमान सुरक्षित उतर सकेंगे, भले ही जीपीएस स्पूफिंग हो रही हो। बिना ILS के विमान 'रिक्वायर्ड नेविगेशन परफॉर्मेंस' से उतरते हैं, लेकिन इसके लिए जीपीएस चाहिए। स्पूफिंग की वजह से हाल के दिनों में कई उड़ानें प्रभावित हुईं।
मंगलवार को उड़ानों पर असर
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने बताया कि मंगलवार को सुबह 11:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक ILS की अनिवार्य कैलिब्रेशन होगी। इस दौरान उड़ानें नियंत्रित रहेंगी और कुछ शेड्यूल प्रभावित हो सकते हैं। यात्री अपनी एयरलाइन से ताजा जानकारी लें। हर छह महीने में सभी रनवे की कैलिब्रेशन होती है। मंगलवार को गुरुग्राम साइड वाला रनवे 29L (आने वाले विमानों के लिए) भी कैलिब्रेट होगा। सुरक्षा एजेंसियां स्पूफिंग के स्रोत को ढूंढने में जुटी हैं। जल्द ही स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है।
यह भी पढ़ें: लाल किला: ब्लास्ट से 7 घंटे पहले 12वीं के छात्र की वह पोस्ट, जो अब हो रही वायरल
GPS स्पूफिंग क्या है?
जीपीएस स्पूफिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें जीपीएस रिसीवर के साथ छेड़छाड़ की जाती है या उसे धोखा देकर झूठे जीपीएस सिग्नल प्रसारित किए जाते हैं। जीपीएस सिग्नल से छेड़छाड़ करने की यह गलत प्रक्रिया जीपीएस रिसीवर को गलत लोकेशन डेटा प्रदान करने के लिए गुमराह कर सकती है, जिसके परिणामस्वरूप डिवाइस की लोकेशन की जानकारी कहीं और भी मौजूद हो सकती है जहां वह मौजूद नहीं है।
इस प्रकार का साइबर अटैक जीपीएस डेटा की विश्वसनीयता को कमज़ोर करता है, जो नेविगेशन से लेकर को-ऑर्डिनेशन आदि कई तरह के एप्लीकेशन के लिए महत्वपूर्ण है।
