जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद (एजीयूएस) संगठनों के एक अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश करते हुए दो डॉक्टरों समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से हथियार एवं गोला-बारूद बरामद किया गया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से चलाए गए इस अभियान में आईईडी बनाने के 2,900 किलोग्राम मटीरियल के अलावा अन्य हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए। गिरफ्तार किए गए लोगों में दो डॉक्टर शामिल हैं।

 

उनके पास से पहले हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया था। इनमें से एक डॉक्टर फरीदाबाद का है। पुलिस के एक प्रवक्ता ने यहां कहा, ‘आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी सफलता प्राप्त करते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक अंतर-राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। यह मॉड्यूल प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और एजीयूएच से जुड़ा था। इस अभियान के तहत जम्मू-कश्मीर और अन्य राज्यों में समन्वित छापेमारी के दौरान आतंकवादियों की गिरफ्तारी की गई और हथियारों, गोला-बारूद एवं विस्फोटकों का भारी जखीरा बरामद किया गया।’

 

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कई पोस्टर चिपकाए हुए

प्रवक्ता ने बताया कि 19 अक्टूबर को शहर के बनपोरा नौगाम इलाके में विभिन्न स्थानों पर जैश-ए-मोहम्मद के कई पोस्टर चिपके हुए पाए गए, जिनमें पुलिस और सुरक्षा बलों को धमकाने एवं डराने की बात कही गई थी। उन्होंने बताया कि इसी के अनुसार पुलिस थाना नौगाम में यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम) अधिनियम, बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई।

 

प्रवक्ता ने कहा, 'जांच से एक सफेदपोश आतंकवादी तंत्र का पता चला है जिसमें कट्टरपंथी पेशेवर और छात्र शामिल हैं। ये पाकिस्तान और अन्य देशों से काम कर रहे विदेशी आकाओं के संपर्क में थे।’ उन्होंने कहा कि यह समूह विचारधारा का प्रसार करने, समन्वय करने, धन का लेन देन करने और साजो-सामान की व्यवस्था के लिए ‘एन्क्रिप्टेड’ (गुप्त) माध्यमों का इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने कहा, 'सामाजिक/धर्मार्थ कार्यों की आड़ में पेशेवर और शैक्षणिक नेटवर्क के जरिए धन जुटाया गया।’

 

कट्टरपंथ फैलाते थे

आरोपी व्यक्ति लोगों को कट्टरपंथी बनाने, आतंकवादी संगठनों में भर्ती करने, धन जुटाने, साजो-सामान की व्यवस्था करने, हथियार/गोला-बारूद और आईईडी तैयार करने की सामग्री जुटाने में शामिल पाए गए।' जांच के दौरान सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। प्रवक्ता ने गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान श्रीनगर के नौगाम निवासियों आरिफ निसार डार उर्फ ​​साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ ​​शाहिद, शोपियां निवासी मौलवी इरफान अहमद (एक मस्जिद के इमाम), गंदेरबल में वकुरा इलाके के निवासी जमीर अहमद अहंगर उर्फ ​​मुतलशा, पुलवामा के कोइल इलाके के निवासी डॉ. मुजम्मिल अहमद गनी उर्फ ​​मुसैब और कुलगाम में वानपोरा इलाके के निवासी डॉ. आदिल के रूप में की गई है  

 

डॉ. मुजम्मिल अहमद गनी के पास से लगभग 360 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किया गया है। इस विस्फोटक के अमोनियम नाइट्रेट होने का संदेह है। फरीदाबाद स्थित उसके किराए के मकान से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया।  गनी अल फलाह विश्वविद्यालय में शिक्षक है।  इससे पहले, फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त सतेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने डॉक्टर को गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि यह डॉक्टर श्रीनगर में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने के मामले में भी वांछित था।

और लोगों की होगी गिरफ्तारी

श्रीनगर में पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि कुछ और लोगों की भूमिका सामने आई है, जिनका पता लगाकर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। प्रवक्ता ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर, अनंतनाग, गंदेरबल और शोपियां जिलों में कई जगहों पर छापे मारे।उन्होंने बताया कि इसी तरह जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर फरीदाबाद और उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर सहारनपुर में भी छापे मारे। अब तक की जांच में आपत्तिजनक दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, हथियार/गोला-बारूद और आईईडी बनाने की सामग्री बरामद हुई है।

 

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उन्होंने बताया कि जो सामान बरामद हुआ है उनमें कारतूस के साथ एक चीनी स्टार पिस्तौल, एक बेरेटा पिस्तौल, एके 56 राइफल, एके क्रिंकोव राइफल के अलावा विस्फोटक, रसायन, ज्वलनशील पदार्थ, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट, बैटरी, तार, रिमोट कंट्रोल, टाइमर और धातु की चादरों समेत आईईडी बनाने की 2,900 किलोग्राम सामग्री शामिल है। प्रवक्ता ने बताया कि धन के प्रवाह के संबंध में वित्तीय जांच जारी है और यह पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं कि इससे और कौन जुड़ा है।