दिल्ली के लाल किले के पास हुए ब्लास्ट में अभी जांच जारी है और इसमें जम्मू-कश्मीर से कई डॉक्टरों को हिरासत में लिया गया है। इस बीच जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (JKPDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने दिल्ली ब्लास्ट के लिए केंद्र सरकार की नीति को जिम्मेदार ठहराया है। महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि 10 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी में लाल किला विस्फोट मामला देश भर में बढ़ती असुरक्षा की भावना और जम्मू-कश्मीर में केंद्र की नीतियों की विफलता को दिखाता है। उन्होंने कहा कि कश्मीर की समस्या लाला किले के सामने गूंजी।
हाल ही में हुए उपचुनाव में जीत के बाद महबूबा मुफ्ती ने अपनी पार्टी की मीटिंग में बोलते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'आपने दुनिया को बताया कि कश्मीर में सब कुछ ठीक है लेकिन कश्मीर की परेशानी लाल किले के सामने गूंज रही हैं। आपने जम्मू-कश्मीर को सुरक्षित बनाने का वादा किया था लेकिन उस वादे को पूरा करने के बजाय आपकी नीतियों ने दिल्ली को असुरक्षित बना दिया है। मुझे नहीं पता कि केंद्र सरकार में कितने लोग सच्चे राष्ट्रवादी हैं।'
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हिंदू मुस्लिम की राजनीति का आरोप
महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'अगर एक पढ़ा-लिखा युवा, एक डॉक्टर, अपने शरीर पर RDX बांधकर खुद को और दूसरों को मार डालता है, तो इसका मतलब है कि देश में कोई सुरक्षा नहीं है। हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करके आप वोट तो पा सकते हैं लेकिन देश किस दिशा में जा रहा है?' उन्होंने बीजेपी पर मुस्लिमों को गाली देने का आरोप लगाया और पीएम मोदी से पूछा कि आप देस के 24 करोड़ मुस्लमानों का क्या करोगे।
उन्होंने पीएम मोदी से कहा, 'भारत में पाकिस्तान से ज्यादा मुसलमान हैं। पीएम साहब आपको आवाम ने तीसरी बार चुना और आपने वादा किया था कि अटल बिहारी वाजपेयी के रास्ते पर चलकर आप कश्मीर समस्या का हल करेंगे लेकिन आपने ऐसा नहीं किया। दिल्ली में ब्लास्ट हुआ और इसके लिए किसी भी अधिकारी या नेता की जवाबदेही नहीं तय की गई। पुरानी सरकारों में कम से कम जवाबदेही तो तय होती थी।'
'देश कुर्सी से बड़ा'
महबूबा मुफ्ती ने ध्रुवीकरण की राजनीति को देश के लिए खतरनाक बताया। उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि दिल्ली के लोग (बीजेपी) यह समझ है, या फिर वे यह सोचते हैं कि जितना ज्यादा हिंदू-मुस्लिम विभाजन होगा, उतना ही ज्यादा खून-खराबा होगा, देश में जितना ज्यादा ध्रुवीकरण होगा, उतने ही ज्यादा वोट उन्हें मिलेंगे? मुझे लगता है कि उन्हें दोबारा सोचना चाहिए। देश कुर्सी से कहीं बड़ा है। हिंदूस्तान जैसा देश जिसे दुनिया अब पता नहीं किस तरह देखते हैं। हिंदू, मुस्लिम, सिख ईसाई सब भाई-भाई की तरह रहते थे।' उन्होंने केंद्र सरकार पर देश में जहरीला माहौल बनाने का आरोप लगाया और कहा कि यह जहरीला माहौल कश्मीर के युवाओं को गलत रास्ते पर लेकर जाने के लिए जिम्मेदार है।
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युवाओं से की अपील
बीजेपी पर आरोप लगाने के बाद महबूबा मुफ्ती ने युवाओं से गलत रास्ते पर ना जाने की अपील की। उन्होंने कहा, 'मैं उन नौजवानों से जो ऐसा करते हैं से अपील करती हूं कि आप जो करते हैं वह आपके, आपके परिवार, कश्मीर और देश के लिए खतरनाक है। आप इतना इसलिए पड़ते हैं कि आप इस तरह अपनी जिंदगी खत्म करो और साथ में अन्य लोगों की जिंदगी भी बर्बाद करो। यह मुझे बहुत दुख देता है।'
उन्होंने केंद्र सरकार और पुलिस पर जम्मू-कश्मीर के लोगों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर कोई प्रदर्शन भी करता है तो उस पर मुकद्दमा दर्ज करने की धमकी देती है। उन्होंने पीएम मोदी से कश्मीर को लेकर अपनी नीति में बदलाव करने और लोगों के साथ बातचीत करके काम करने की मांग की।
महबूबा मुफ्ती ने यह भी कहा, 'मैं मजबूर होकर कह रही हूं कि आप जम्मू-कश्मीर में इजरायल की नीति लागू की है। यह गांधी का देश है और आप भी गांधी की नीति से सीखें और खौफ की नीति खत्म करें। मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों, सरकार और सभी कार्यकर्ताओं से कहा कि समाज में जीने के लिए काम करें और गलत रास्ता छोड़कर इस देश के लिए काम करें।'
बीजेपी ने किया पलटवार
बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने महबूबा मुफ्ती के आरोप पर जवाब देते हुए उनपर पलटवार किया है और उन पर आतंकवादियों के प्रवक्ताओं की भूमिका अदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'आतंकवाद के सहारे सियासत चमकाने वाली पार्टियों को अब दिक्कत हो रही है। वह आतंकवादियों के प्रवक्ता की भूमिका निभाते रहते हैं। आतंकवादियों के आका कुछ चीजें खुद नहीं कह पाते इसलिए वे इस तरह के नेताओं का सहारा लेते हैं। आज देश में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर आपके बयान उन लोगों को ताकत देते हैं जो आतंकवाद को समर्थन देते हैं।'
