प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में देश के किसानों, तकनीकी इनोवेशन और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए पांच महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। ये फैसले देश की आर्थिक प्रगति, आत्मनिर्भरता और किसानों की समृद्धि पर केंद्रित हैं। खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि से लेकर रेलवे लाइन के विस्तार और आंध्र प्रदेश में नए राजमार्ग के निर्माण तक, इन निर्णयों का उद्देश्य भारत को वैश्विक स्तर पर और सशक्त बनाना है। 

 

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट ब्रीफिंग में इन फैसलों की जानकारी दी, जिसमें किसानों को उनकी जरूरतों के लिए रियायती दर पर ऋण उपलब्ध कराने की बात कही गई। इसके अलावा, दो अलग अलग रेल लाइनों के विस्तार और हाइवे के निर्माण के जरिए देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाने का फैसला लिया गया। वैष्णव ने कहा कि ये निर्णय न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल देंगे, बल्कि शहरी और औद्योगिक विकास को भी गति प्रदान करेंगे। ये हैं मोदी सरकार के पांच बड़े फैसले-

 

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1. खरीफ फसलों के लिए MSP में बढ़ोत्तरी

कैबिनेट ने 2025-26 के मार्केटिंग सीज़न के लिए 14 खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को मंजूरी दी, जिसका कुल अनुमानित खर्च लगभग 2,07,000 करोड़ रुपये है। धान का MSP 69 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2,369 रुपये और ग्रेड A धान का 2,389 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। नाइजर सीड के MSP में सबसे अधिक 820 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। यह निर्णय किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर कम से कम 50% का मार्जिन सुनिश्चित करता है, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। यह कदम खासकर हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड जैसे राज्यों में आगामी चुनावों के मद्देनजर महत्वपूर्ण है।

 

2. इंट्रेस्ट सबवेंशन स्कीम को जारी रखना

कैबिनेट ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित ब्याज सहायता योजना (MISS) को जारी रखने की मंजूरी दी। इस योजना के तहत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक ऋण 7% ब्याज दर पर उपलब्ध होंगे, जिसमें 1.5% की ब्याज सब्सिडी सरकार वहन करेगी। समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को 3% की प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी। यह योजना किसानों के लिए सस्ता ऋण सुनिश्चित करती है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होगी।

 

3. बडवेल-नेल्लोर राजमार्ग प्रोजेक्ट

कैबिनेट ने आंध्र प्रदेश में 108.134 किलोमीटर लंबे बडवेल-नेल्लोर चार-लेन राजमार्ग के निर्माण को 3,653.10 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी दी। यह गलियारा विशाखापट्टनम-चेन्नई, हैदराबाद-बेंगलुरु और चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारों को जोड़ेगा, साथ ही कृष्णपट्टनम बंदरगाह तक कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। इससे यात्रा समय में एक घंटे की कमी आएगी और ईंधन खपत में कमी होगी, जिससे कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा। यह परियोजना 20 लाख प्रत्यक्ष और 23 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करेगी।

 

4. रतलाम-नागदा रेल लाइन

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मध्य प्रदेश के रतलाम-नागदा रेल खंड में तीसरी और चौथी रेल लाइन के निर्माण को मंजूरी दी। यह मल्टीट्रैकिंग परियोजना भारतीय रेलवे के नेटवर्क को मजबूत करने और यात्री व माल ढुलाई की क्षमता बढ़ाने का हिस्सा है। रतलाम-नागदा खंड, जो लगभग 41 किलोमीटर लंबा है, दिल्ली-मुंबई मुख्य रेल मार्ग का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस परियोजना से इस व्यस्त मार्ग पर ट्रेनों की आवाजाही में सुधार होगा, देरी कम होगी और कनेक्टिविटी बढ़ेगी। यह परियोजना मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के चार जिलों को कवर करेगी, जिससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह परियोजना रेल नेटवर्क की दक्षता और विश्वसनीयता को बढ़ाएगी, जिससे यात्रियों और उद्योगों को लाभ होगा।

 

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5. वर्धा-बल्लारशाह रेल लाइन

इसके अलावा महाराष्ट्र के वर्धा से तेलंगाना के बल्लारशाह के बीच चौथी रेल लाइन के निर्माण को मंजूरी दी गई है। इस मल्टीट्रैकिंग परियोजना की अनुमानित लागत 2,381 करोड़ रुपये है और इसे पांच वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य है। यह 132.3 किलोमीटर लंबा रेल खंड दिल्ली-चेन्नई ग्रैंड ट्रंक रूट का हिस्सा है, जो पहले से ही 127% क्षमता उपयोग के साथ ओवर लोडेड है। इस परियोजना से वर्धा, चंद्रपुर (महाराष्ट्र) और आदिलाबाद (तेलंगाना) जिलों में रेल कनेक्टिविटी बढ़ेगी। यह रेल लाइन कोयला, सीमेंट और एफसीआई जैसे माल ढुलाई के लिए अतिरिक्त क्षमता प्रदान करेगी, जिससे क्षेत्रीय व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे विदर्भ और तेलंगाना के लिए गेम-चेंजर बताया, जो क्षेत्रीय आर्थिक विकास और यात्री सुविधा को बढ़ाएगा।