दुबई एयर शो में हादसे का शिकार हुए तेजस विमान का एक नया वीडियो सामने आया है। यह जूम इन वीडियो पहले से काफी स्पष्ट है। इसमें हादसे से पहले तेजस के आखिरी मूवमेंट कैद हैं। वीडियो में दिख रहा है कि तेजस विमान 360 डिग्री का एक चक्कर पूरा करता है। इसके बाद वह जमीन की तरफ तेजी से गिरता है।

 

इसमें यह भी दिख रहा है कि विंग कमांडर नमांश स्याल ने कलाबाजी के वक्त कैसे विमान को संभाला। हालांकि आखिरी पल में विमान जमीन से भिड़ गया। विशेषज्ञों का कहना है कि नमांश स्याल जो मैन्यूवर कर रहे थे, वह बेहद खतरनाक होता है। उन्होंने अपने बेहतरीन कौशल से पहला लूप पूरा कर लिया था। शायद दूसरे लूप में उन्हें किसी गड़बड़ी का सामना करना पड़ा। 

 

 

 

 

रक्षा विशेषज्ञ कैप्टन अनिल गौर का कहना है कि हो सकता है कि जी-फोर्स के कारण ब्लैकआउट और पायलट के कंट्रोल खोने के कारण यह हादसा हुआ हो। हालांकि हादसे सही वजह का पता कॉकपिट से डेटा प्राप्त होने के बाद चलेगा। उन्होंने कहा कि पैरों में खून जमा न हो, इसके लिए पायलट जी-सूट पहनते हैं। हो सकता है कि जी-सूट में कोई दिक्कत आई हो।

 

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आठ मिनट होना था एरियल डिस्प्ले

दुबई एयर शो के आखिरी दिन तेजस विमान का करीब आठ मिनट तक एरियल डिस्प्ले होना था। जहाज की कमान विंग कमांडर नमांश स्याल के हाथों में थी। हवा में तेजस ने कई कलाबाजियां दिखाईं। जहाज कम ऊंचाई वाला मैन्यूवर कर रहा था। तभी अचानक विमान नीचे आता है और जमीन से टका जाता है।  यह हादसा दोपहर करीब 3:40 बजे हुआ। जहाज के जमीन से टकराते ही आग और धुएं का एक बड़ा गुबार आसमान में उठा। 

विंग कमांडर नमांश स्याल की पत्नी भी वायुसेना में

भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर नमांश स्याल हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पटियालकर गांव के रहने वाले थे। गांव वालों का कहना है कि नमांश एक बेहतरीन खिलाड़ी भी थे। नमांश के चाचा जोगिंदरनाथ स्याल ने बताया कि पार्थिव शरीर शनिवार सुबह करीब 9 बजे तमिलनाडु के कोयंबटूर में स्थित सुलूर एयरफोर्स स्टेशन पहंचा। यहां से रविवार को कांगड़ा के गग्गल एयरपोर्ट लाया जाएगा। नामांश की पत्नी भी भारतीय वायुसेना का हिस्सा हैं। दोनों की मुलाकात पहली पोस्टिंग के वक्त पंजाब के पठानकोट में हुई थी। 2014 में दोनों ने शादी की। परिवार में माता-पिता के अलावा छह साल की एक बेटी भी है।

 

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तेजस का सुरक्षा रिकॉर्ड बेहतर

तेजस विमान ने साल 2001 में अपनी पहली उड़ान भरी थी। भारती वायुसेना ने 2006 में 20 और 2010 में 20 और LCA तेजस MK1 विमानों का ऑर्डर दिया था। अभी तक वायुसेना को 40 में से 38 तेजस मिल चुके हैं। दो ट्रेनी विमान मिलने बाकी हैं। 2021 में वायुसेना ने 83 तेजस विमानों का एक और ऑर्डर प्लेस किया। इसी साल सरकार ने 97 तेजस विमानों एक और ऑर्डर दिया। कुल मिलाकर 220 तेजस विमानों का ऑर्डर दिया जा चुका है। तेजस विमान का सुरक्षा रिकॉर्ड बेहद शानदार है। पिछले 24 साल में यह विमान दूसरी बार दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। पहला हादसा पिछले साल मार्च में राजस्थान के जैसलमेर में हुआ था।