देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण ने लोगों की सासें फूला दी हैं। लोग प्रदूषण से इतने प्रभावित हुए हैं कि अब उनका सब्र का बांध टूट गया है। रविवार की शाम को इंडिया गेट पर प्रदूषण को रोकने के लिए सैकड़ों लोगों ने दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे कई लोगों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
प्रदर्शन में आम लोग, अभिभावक और पर्यावरण कार्यकर्ता सहित बड़ी संख्य में लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों में कई महिलाएं और उनके बच्चे भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि वे साफ हवा सुनिश्चित करने के लिए सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग करने के लिए इकट्ठा हुए हैं।
प्रदर्शनकारी का फूटा गुस्सा
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, 'हवा को चेक करने वाले प्राइवेट मॉनिटर दिखा रहे हैं कि कई जगहों पर AQI 999 को पार कर गया है। ठोस कार्रवाई करने के बजाय, अधिकारी शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन को बंद करा रहे हैं। लोग क्या मांग रहे हैं? सांस लेने का उनका अधिकार। पिछले 15 दिनों से, हमने कुछ नहीं सुना है- न लॉकडाउन, न शटडाउन। सिर्फ क्लाउड सीडिंग या अन्य ध्यान भटकाने वाली बातें सुनने को मिल रही हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।'
एक अन्य प्रदर्शनकारी अभिषेक ने कहा कि सरकार स्वच्छ हवा में सांस लेने का बुनियादी अधिकार भी देने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा, 'पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल में दिल्ली को हरित राजधानी के रूप में जाना जाता था। आज, यह दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। नेता जिम्मेदारी लेने के बजाय एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहते हैं।'
मुख्यमंत्री ने मिलने का समय नहीं दिया- पर्यावरणविद्
पर्यावरणविद् भावरीन खंडारी ने कहा, 'हम अपने निर्वाचित पदाधिकारियों से मिलना चाहते हैं। हमने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा था, लेकिन हमें मना कर दिया गया। बहुत से माता-पिता यहां इसलिए आए हैं, क्योंकि उनके बच्चे कष्ट झेल रहे हैं। हर तीसरे बच्चे के फेफड़े को नुकसान पहुंच चुका है। वे स्वच्छ हवा में पले-बढ़े बच्चों की तुलना में लगभग 10 साल कम जी पाएंगे।'
दिल्ली पुलिस की सफाई
वहीं, पुलिस ने कहा कि लोग बिना अनुमति के इकट्ठा हुए थे, इसलिए कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'इंडिया गेट पर विरोध-प्रदर्शन की कोई अनुमति नहीं थी। कानून-व्यवस्था बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि सुरक्षा व्यवस्था में कोई बाधा न आए, कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया था।'
'AAP' ने क्या कहा?
वहीं, दिल्ली में वायु प्रदूषण के खिलाफ इंडिया गेट पर विरोध-प्रदर्शन पर दिल्ली आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह प्रदर्शन नागरिक समाज के कुछ सदस्यों द्वारा बुलाया गया था, और हमें खुशी है कि प्रदूषण जैसे मुद्दे पर एक गैर-राजनीतिक प्रदर्शन आयोजित किया गया है।
उन्होंने कहा कि कई पढ़े-लिखे और जानकार लोग इसमें शामिल हुए हैं। वे क्यों शामिल हुए हैं? क्योंकि अब लोगों में सरकार के प्रति विश्वास की कमी है। डीपीसीसी, सीपीसीबी, सीएक्यूएम और आईएमडी जैसी प्रमुख संस्थाएं आंकड़ों में हेरफेर कर रही हैं। जब सरकार स्वयं आंकड़ों से छेड़छाड़ करती है, तो इससे विश्वास की कमी पैदा होती है और इसीलिए आज बौद्धिक समुदाय सड़कों पर उतर आया है। यही चिंताजनक है। प्रदूषण पिछले 10 सालों से मौजूद है, लेकिन अब चिंताजनक बात यह है कि सरकार आंकड़ों में हेरफेर कर रही है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया है कि रविवार सुबह दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में रही। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 391 दर्ज किया गया।
