मानसून के दौरान हर साल देश के कई हिस्सों में भारी वर्षा होती है लेकिन इस बार उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक बाढ़ की चपेट में आए क्षेत्रों की संख्या और तबाही की तीव्रता ने चिंताओं को और गहरा कर दिया है। असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, महाराष्ट्र, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली जैसे राज्यों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। विशेष रूप से हिमाचल और उत्तराखंड ज्यादा प्रभावित हैं। इन दोनों राज्यों में बीते 24 घंटों में सात लोगों की मौत हो चुकी है।
मौसम खराब होने की वजह से केदारनाथ यात्रा को भी लगभग 6 घंटों के लिए बंद करना पड़ा, इस दौरान करीब 4000 श्रद्धालु सोनप्रयाग में फंसे थे। बाढ़ केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं रही, यह अब जलवायु परिवर्तन, असंतुलित शहरीकरण, कमजोर जल प्रबंधन और बेतरतीब निर्माण के कारण एक मानव निर्मित संकट भी बन गई है। भारत में बाढ़ से हर साल अरबों रुपये का नुकसान होता है और हजारों लोगों को अपने घर छोड़ने पड़ते हैं।
हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट
हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट के बीच शिमला समेत कई जिलों में झमाझम बारिश हो रही है। रविवार रात मंडी जिले के थुनाग उपमंडल के छतरी में बारिश के चलते धंसी सड़क से एक कार 250 मीटर खाई में गिर गई। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई, जिनको मिलाकर राज्य में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। चंबा के डलहौजी के कुम्हारका में रसोईघर की छत गिरने से महिला की मौत हो गई। सोमवार शाम तक प्रदेश में आनी-कुल्लू एचएच सहित 265 सड़कें, 41 बिजली ट्रांसफार्मर और 282 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। मंगलवार को ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

उत्तराखंड में नदियां उफान पर
उत्तराखंड में हल्द्वानी के पास भाखड़ा नदी की तेज धाराओं में एक व्यक्ति बह गया। जानकारी के मुताबिक, रविवार को हल्द्वानी रोड पर भुजियाघाट के पास उफनती धारा में दो अन्य लोग डूब गए। भूस्खलन, सड़क धंसने और पेड़ गिरने से कई प्रमुख हाईवे और ग्रामीण सड़कें बंद हैं। बद्रीनाथ हाईवे पर मलबा इकठ्ठा होने से सड़क पर कई घंटों तक आवाजाही रोक दी गई थी। इस दौरान लगभग 1,000 तीर्थयात्रियों और 3 स्कूल बसों सहित 60-70 गाड़ियां फंसी थी । स्यानाचट्टी के पास यमुनोत्री राजमार्ग का करीब 25 मीटर हिस्सा धंस गया है, जिससे उस मार्ग पर आवाजाही रोक दी गई है।
यूपी में 13 जिले बाढ़ की चपेट में
उत्तर प्रदेश में भी गंगा और यमुना समेत सभी प्रमुख नदियों का जल स्तर बढ़ रहा है। प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर समेत 13 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। वाराणसी और प्रयागराज में गंगा का पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। वाराणसी में मणिकर्णिका समेत लगभग सभी घाट डूब गए हैं। शहर के कई इलाकों में पानी भर गया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और अन्य एजेंसियों की टीम प्रभावित इलाकों में निगरानी कर रही हैं। मौसम विभाग ने प्रदेश में अगले तीन दिन भारी बारिश की संभावना जताई है, जिससे हालात और खराब हो सकते हैं।
बिहार में ऑरेंज अलर्ट
बिहार में पिछले एक हफ्ते से लगातार बारिश हो रही है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, अगले तीन दिनों तक प्रदेश में बारिश नहीं होगी। इससे पारा 2 से 4 डिग्री बढ़ेगा। हालांकि, 8 अगस्त से एक बार फिर बारिश के जोर पकड़ने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार को उत्तर बिहार के ज्यादातर जगहों पर बारिश होने के आसार हैं।
किशनगंज जिले के एक-दो क्षेत्रों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। बिहार में लगातार बारिश होने के बावजूद अभी भी सामान्य बारिश में 28 प्रतिशत की कमी है। पिछले 24 घंटे के दौरान पूर्णिया में बहुत भारी (270.6 मिमी) बारिश हुई है। वहीं दरभंगा, सीतामढ़ी, शिवहर, सीवान, पटना, सहरसा, जमुई में भारी बारिश हुई है।

मेघालय में सरकारी अधिकारी नदी में बहा
पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी बारिश हो रही है और मौसम विभाग की रिपोर्ट्स के अनुसार, बारिश अगले सात दिन जारी रहने का अनुमान लगाया जा रहा है। मेघायल के पश्चिम गारो हिल्स जिले में उफनती गंनोल नदी में कृषि विभाग का एक अधिकारी बह गया। वह अपने परिवार के साथ पिकनिक मनाने गया था और बरसाती नदी को पार करने की कोशिश कर रहा था।
आंध्र-बंगाल में जारी रहेगी बारिश
मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल के उत्तरी भाग में 10 अगस्त तक भारी बारिश की संभावना जताई है। अधिकारियों ने बताया कि दार्जिलिंग, कलिम्पोंग,जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार और कूचबिहार में कुछ स्थानों पर ज्यादा बारिश हो सकती है। 7 अगस्त तक दक्षिण बंगाल के कुछ जिलों में भी बारिश होने की संभावना है। इस बीच, आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में भारी बारिश के बीच बिजली गिरने से खेत में काम कर रही एक महिला की मौत हो गई।
पूर्वोत्तर राजस्थान में अगले दो दिन भारी बारिश
राजस्थान के पूर्वोत्तर हिस्से में अगले दो से तीन दिन भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा कि इसी अवधि के दौरान पूर्वी राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में भी हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। सोमवार लगभग सुबह 8:30 बजे तक बीते 24 घंटों के दौरान पूर्वी राजस्थान के कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई थी । सबसे ज्यादा बारिश बयाना (भरतपुर) में 51.0 मिमी दर्ज की गई है।
