भारत कुछ बड़ा करने की तैयारी में है। इसके संकेत रक्षा मंत्री से सैन्य अधिकारियों तक के बयान से मिलने लगे हैं। एक दिन पहले ही शनिवार को पश्चिमी कमान के लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कटियार ने कहा कि जब तक हम जमीन पर कब्जा नहीं करेंगे, तब तक पाकिस्तान मानेगा नहीं कि भारत जीत गया है। अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि सिंध अभी भारत का हिस्सा नहीं है। मगर बॉर्डर बदलते रहते हैं। कौन जानता है कि कल सिंध भारत का हिस्सा दोबारा बन जाए।

 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी की किताब का जिक्र किया और कहा, 'उनकी किताब में लिखा है कि सिंधी हिंदू खासकर उनकी पीढ़ी के लोग अभी तक सिंध को भारत से अलग करने की बात स्वीकार नहीं कर पाए हैं। न केवल सिंध में बल्कि पूरे भारत में हिंदू सिंधु नदी को पवित्र मानते थे। सिंध के कई मुसलमान भी मानते थे कि सिंधु का जल मक्का के आबे जमजम से कम पवित्र नहीं है। यह आडवाणी जी का कोट है।'

 

 

 

 

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राजनाथ सिंह ने आगे कहा, 'आज सिंध की भूमि भारत का हिस्सा भले न हो, लेकिन सभ्यतागत रूप से सिंध हमेशा भारत का हिस्सा रहेगा। जहां तक जमीन की बात है तो बॉर्डर बदल सकते हैं। क्या पता है कि कल को सिंध भारत में फिर से वापस आ जाए।'

 

यह पहली बार नहीं जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऐसा बयान दिया हो। कुछ समय पहले उन्होंने सरक्रीक मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी और कहा था कि कराची का रास्ता क्रीक से जाता है। 22 सितंबर को मोरक्को में भारतीय समुदाय के बीच राजनाथ सिंह ने कहा था कि पीओके अपने आप हमारा होगा। पीओके में मांगें उठने लगी हैं, आपने नारेबाजी सुनी होगी।

 

सिंतबर महीने में आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रूस-यूक्रेन जंग का जिक्र किया था। उन्होंने अलास्का में हुई पुतिन-ट्रंप मुलाकात को याद किया और कहा कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत जमीन के लेन-देन पर ही केंद्रित थी। उन्होंने कहा कि युद्ध में जमीन आज भी जीत की करेंसी है। इसके बाद राजस्थान के गंगानगर में सेना प्रमुख ने पाकिस्तान को भूगोल बदलने की धमकी दी थी।

 

 

 

 

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पश्चिमी कमान के लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कटियार ने शनिवार को कहा कि साइबर, केमिकल, न्यूक्लियर और बॉयोलॉजिकल लड़ाई की हमारी तैयारी है। अगली लड़ाई सिर्फ एक डोमेन में नहीं होगी। लड़ाई स्पेस, साइबर और इन्फो वार में होगी। मगर जीत जमीन पर ही हासिल होगी। जब तक हम जमीन पर कब्जा नहीं करेंगे तब तक पाकिस्तान नहीं मानेगा कि हम जीत गए हैं।