देश की राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में लोग प्रदूषित हवा में सांस लेने के लिए मजबूर हैं। प्रदूषण की वजग से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए अब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर अहम फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) के सुझाए गए शॉर्ट-टर्म उपायों के तहत ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के नियमों में बदलाव की अनुमति दे दी है। अब GRAP के पहले चरण में ही कड़े नियम लागू किए जाएंगे और हर चरण के नियमों को कड़ा कर दिया जाएगा। 

 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब जो प्रतिबंध पहले स्टेज-4 में लगते थे, वे अब स्टेज-3 में ही लागू हो जाएंगे। स्टेज-4 के प्रतिबंध तब लगाए जाते थे जब एयर क्वालिटी इंडेक्स ( AQI) 450 से ऊपर चला जाता था। इसी तरह स्टेज-3 के नियमों को अब स्टेज 2 में और स्टेज-2 के नियमों को स्टेज-1 में ही लागू कर दिया जाएगा। यह फैसला दिल्ली में AQI के लगातार खतरनाक श्रेणी में बने रहने के कारण लिया गया है ताकि खतरनाक स्तर तक AQI पहुंचने से पहले ही सख्त नियमों के जरिए प्रदूषण पर काबू पाया जा सके। CAQM की ओर से सुझाए गए इन सुझावों को अगले हफ्ते से लागू किया जा सकता है। 

 

यह भी पढ़ें: रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ ED ने फाइल की चार्जशीट, मनी-लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है मामला

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बीआर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने कहा कि  वायु प्रदूषण को कम करने के लिए उठाया गया कोई कदम सराहनीय है। कोर्ट ने उम्मीद जताई कि CAQM ऐसे फैसले लेते समय सभी संबंधित पक्षों से सलाह-मशविरा करेगा। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को तय की है। CAQM  के अधिकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की समीक्षा की जाएगी और उसी के हिसाब से ग्रेप के नियमों में बदलाव किए जाएंगे। 

यह बदलाव किए जाएंगे

CAQM ने सुप्रीम कोर्ट में प्रदूषण पर काबू पाने के लिए कई शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म उपाए सुझाए। इन उपायों में ऑफिस की टाइमिंग में बदलाव, काम करने के घंटों में बदलाव, स्टाफ की ऑफिस में मौजूदगी और बिदली सप्लाई से जुड़े कई बदलाव शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया है कि CAQM दिल्ली-एनसीआर में होने वाली ओपन-एयर स्पोर्ट्स कॉम्पिटिशन को वायु प्रदूषण के लेवल को ध्यान में रखते हुए किसी अन्य महीने में शिफ्ट करने पर विचार करे। 

 

CAQM के सुझावों के अनुसार, अब अगर स्टेज-3 लागू होती है तो दिल्ली-एनसीआर की सरकारों को यह तय करना होगा कि सरकारी, प्राइवेज और नगर निगम के दफ्तर केवल 50 प्रतिशत कर्माचरियों के साथ ही ऑन-साइट काम करें। यही दिश-निर्देश केंद्र सरकार के कर्माचारियों के लिए भी लीगू करने पर विचार किया जाएगा। इन उपायों से प्रदूषण की समस्या के दौरान सड़कों पर भीड़ कम करने की कोशिश की जाएगी ताकि AQI में सुधार हो सके। 

 

यह भी पढ़ें7 साल में 415 करोड़ कहां से कमाए? अल-फलाह ट्रस्ट के चेयरमैन पर ED ने क्या कहा?

ऑफिस की टाइमिंग बदलेगी

CAQM ने प्रस्ताव रखा है कि जब ग्रेप का स्टेज-2 लागू हो तो दिल्ली-एनसीआर के सभी सरकारी ऑफिसों के काम के समय अलग-अलग किए जाएं। इससे ट्रैफिक और भीड़ कम होगी। अब तक यह कदम स्टेज-3 में उठाए जाते थे लेकिन प्रदूषण में तेजी से बढ़ोतरी के कारण इसे पहले चरण में ही लागू करने पर विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही CAQM ने एनसीआर राज्यों से कहा है कि वे बहिजली सप्लाई को बिना रुकावट सुनिश्चित करें ताकि डीजल जेनरेटर के उपयोग में कमी लाई जा सके। इसके साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत बनाने के लिए CNG और इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। ट्रैफिक सिग्नलों पर भीड़ कम करने के उपाय भी अपनाए जाएंगे।

 

CAQM सरकारों को लोगों को जागरूक करने की भी सलाह देगा कि वे विज्ञापन के जरिए लोगों को जागरूक करें। लोगों को यह बताया जाए कि प्रदूषण के समय क्या किया जाए और क्या नहीं।