हमारी धरती के करीब से एक मेहमान गुजर रहा है। यह हमारे सौर मंडल के बाहर से आया हुआ तीसरा मेहमान है। इसका नाम 3I/ATLAS है। चिली के रियो हर्टाडो में स्थापित एटलस दूरबीन से पहली बार 1 जुलाई 2025 को इसे देखा गया था। तब से दुनियाभर के वैज्ञानिक इसका अवलोकन करने में जुटे हैं। मगर 3I/ATLAS धूमकेतु की कुछ हरकतें इतनी संदिग्ध हैं, जिससे पूरी दुनिया के वैज्ञानिक हैरत में हैं। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि यह धूमकेतु एलियन का कोई अंतरिक्ष यान हो सकता है, जबकि कुछ का कहना है कि यह सिर्फ एक धूमकेतु है।
29 अक्टूबर को धूमकेतु 3I/ATLAS सूर्य के सबसे करीब पहुंच चुका है। सवाल पूछेंगे कि कितने करीब तो लगभग 13 करोड़ मील। इसके बाद यह धूमकेतु सूर्य के पीछे चला गया। मगर अब दो दिन बाद यानी 11 नवंबर से दूरबीन के सहारे दोबारा 3I/ATLAS को देखा जा सकता है। दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने अपनी कमर कस ली, क्योंकि कई सवालों को जन्म देने वाला यह धूमकेतु ब्रह्मांड से जुड़ी कुछ गुत्थियों को सुलझा सकता है। अवलोकन से यह भी साफ हो जाएगा कि यह कोई एलियन शिप है या कोई धूमकेतु।
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जब जुलाई महीने में 3I/ATLAS की खोज की गई थी, तब उसकी रफ्तार करीब 130,000 मील प्रति घंटे की थी। मगर सूरज के नजदीक आने के बाद इसकी रफ्तार बढ़कर 152,000 मील प्रति घंटे हो गई। कुछ वैज्ञानिकों को आशंका है कि इसमें ऐसा कुछ हो सकता है जो धूमकेतु को जेट विमान की तरह थ्रस्ट प्रदान कर रहा है। हालांकि उसकी रफ्तार कैसे बढ़ी है, इसकी अभी तक कोई सटीक जानकारी नहीं मिली है। इस बीच अमेरिका में कुछ अफवाहों में इसे एलियन का अंतरिक्ष यान बताया जा रहा है। दावा यह भी किया गया कि अमेरिका की सरकार शटडाउन का इस्तेमाल सबूतों को छिपाने में कर रही है।
क्या सच में पूछ नहीं दिख रही?
धूमकेतु जब सूर्य के पास आते हैं तो उनकी परत बेहद गर्म हो जाती है। इस स्थिति में वह गैस और धूल छोड़ते हैं। इससे धूमकेतु के पीछे एक पूछ जैसी आकृति बन जाती है। मगर कुछ वैज्ञानिकों का दावा है कि 3I/ATLAS ने इसके विपरीत व्यवहार किया। सूर्य के पास से गुजरते वक्त 3I/ATLAS की कोई पूछ नहीं बनी। हार्वर्ड के खगोलशास्त्री एवी लोएब ने कहा कि धूमकेतु में पूछ का न होना इस बात को चुनौती देता है कि 3I/ATLAS एक सामान्य धूमकेतु है। इससे लगता है कि यह कुछ अप्राकृतिक या कृत्रिम भी हो सकता है।
3I/ATLAS की पूछ मिस्ट्री अब सुलझती दिख रही है। चिली के एंडीज पर्वतमाला में जेमिनी साउथ टेलीस्कोप के खगोलविदों ने धूमकेतु की नई तस्वीर खींची है। इसमें पूछ की आकार में धूल का गुबार और बर्फ दिखाई पड़ रही है। आने वाले समय में यह पूछ धूमकेतु से कई गुना चौड़ी हो जाएगी।
क्या सच में रंग बदल रहा धूमकेतु?
वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि सूर्य के नजदीक आने पर 3I/ATLAS में तेज चमक देखने को मिली है। यह चमक अन्य धूमकेतु में दिखने वाली चमक से अधिक थी। वैज्ञानिकों ने बताया कि अब 3I/ATLAS नीला दिख रहा है, जबकि पहले यह लाल दिखाई दे रहा था। दुनियाभर में यह घटना सुर्खियां बनीं। दावा किया गया कि धूमकेतु रहस्यमयी तरीके से अपना रंग बदल रहा है।
एरिजोना स्थित लोवेल ऑब्जर्वेटरी के शोधकर्ता किचेंग झांग का कहना है कि हमारे पास गैस कोमा के रंग बदलने का कोई सबूत नहीं है। धूमकेतु ने सिर्फ एक बार ही रंग बदला है। वह भी साल की शुरुआत में उस वक्त जब वह सूर्य की गर्मी के संपर्क में आने के बाद गैस छोड़ रहा था। वैज्ञानिकों का कहना है कि सितंबर महीने में कुछ शौकिया खगोलविदों की फोटो में दिख रहा था कि धूमकेतु में नीले व हरे रंग की गैस का कोमा मौजूद है। यह कोमा अब भी दिख रहा है। इसमें कोई बदलाव नहीं आया है।
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कितना पुराना हो सकता है 3I/ATLAS
वैज्ञानिकों का मानना है कि 3I/ATLAS अब तक का सबसे पुराना धूमकेतु हो सकता है। एक अनुमान के मुताबिक इसका जन्म हमारे सौर मंडल से भी करीब 3 अरब साल पहले हो चुका था। वैज्ञानिक को कहना है कि 11 नवंबर से यह धूमकेतु दोबारा दिखाई पड़ सकता है। मगर पृथ्वी से इसे नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकता है। कम से कम आठ इंज व्यास के टेलीस्कोप की मदद से इसे देखा जा सकता है। हालांकि कुछ ऑब्जर्वेटरी की मदद से ऑनलाइन लाइव ट्रैकिंग की जा सकता है।
क्यों खास है यह धूमकेतु?
3I/ATLAS धूमकेतु कई मायनों में खास है। यह कहां से आया अभी तक पता नहीं है। शोध से पता चला है कि यह धूमकेतु लंबे समय से अंतरिक्ष में घूम रहा है। इस वजह से इसके ऊपर विकिरण की एक मोटी परत चढ़ चुकी है। विकिरण के कारण उसकी असली परत नहीं दिख रही है। असली परत दिखने पर इसकी उत्पत्ति का पता लगाना आसान होगा। अभी तक की जांच के मुताबिक 3I/ATLAS हमारे सौर मंडल से आया सबसे बड़ा, सबसे तेज और सबसे पुराना धूमकेतु है।
क्या हमारी धरती को खतरा?
3I/ATLAS से पहले 2017 में ओउमुआमुआ पहला धूमकेतु था, जो हमारे सौर मंडल से बाहर से आया था। उस वक्त भी तमाम वैज्ञानिकों ने इसे एलियन का अंतरिक्ष यान मान लिया था। दो साल बाद यानी 2019 में बोरिसोव नाम का इंटरस्टेलर धूमकेतु हमारे सौर मंडल से गुजरा। अब करीब छह साल के बाद 3I/ATLAS ने हमारे सौर मंडल में घुसपैठ की है। हालांकि नासा के मुताबिक यह धूमकेतु हमारी पृथ्वी से करीब 270 मिलियन किलोमीटर दूर से गुजर जाएगा और दोबारा कभी नहीं दिखेगा।
नासा क्यों नहीं जारी कर रहा HD फोटो?
17 दिसंबर महीने में 3I/ATLAS हमारी धरती के सबसे करीब होगा। लगभग 27.5 करोड़ किलोमीटर। यह दूरी धरती से चंद्रमा की दूरी से करीब 700 गुना अधिक है। यह धूमकेतु अगले साल 16 मार्च 2026 को बृहस्पति के बेहद करीब से गुजरेगा। वैज्ञानिक इस इवेंट की तैयारी में भी जुटे हैं। नासा के मार्स ऑर्बिटर हाईराइज कैमरे ने भी 3I/ATLAS की तस्वीरें ली हैं। मगर अभी तक हाई रिज़ॉल्यूशन वाली इन तस्वीरों को जारी नहीं किया गया है। तर्क यह है कि अमेरिका में सरकार शटडाउन के कारण नासा फोटो जारी करने में देरी कर रहा है। दुनियाभर के शोधकर्ताओं को इसका इंतजार है।
