बिहार के चुनाव में जन सुराज पार्टी की बहुत बुरी हार के बाद प्रशांत किशोर मंगलवार को पहली बार मीडिया के सामने आए। चुनाव में जन सुराज की हार की जिम्मेदारी प्रशांत किशोर ने ली और इसके लिए उन्होंने माफी भी मांगी। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के लोगों को मैं समझा नहीं पाया और प्रायश्चित के तौर पर एक दिन का मौन व्रत रखूंगा। उन्होंने जन सुराज के बाकी लोगों से भी बुधवार को सामूहिक उपवास रखने की अपील की।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर ने यह भी साफ कर दिया कि वह अभी बिहार छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि दोगुनी मेहनत करेंगे और पीछे हटने का सवाल ही नहीं है।
बिहार के चुनाव में जन सुराज पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली है। ज्यादातर सीटों पर उसके उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई। चुनाव से पहले प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि उनका मुकाबला सिर्फ एनडीए से है और महागठबंधन मैदान में कहीं नहीं है। हालांकि, उनकी पार्टी कुछ खास कमाल नहीं कर सकी। चुनाव नतीजे आने के 4 दिन बाद मीडिया के सामने आकर प्रशांत किशोर ने हार की जिम्मेदारी ली और वादा किया कि वह पहले से ज्यादा मेहनत करेंगे।
यह भी पढ़ें-- नई सरकार के कैबिनेट का फॉर्मूला तैयार, छह विधायक पर एक मंत्री तय
'पीछे हटने का सवाल ही नहीं है'
मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जो कुछ भी कमी रह गई, उसे सुधारा जाएगा और उतनी ही ताकत से फिर से खड़े होंगे।
उन्होने कहा, 'अगर कुछ लोग सोच रहे हैं कि मैं बिहार छोड़ दूंगा तो आपका ये भ्रम है। अंग्रेजी में एक कहावत है You are not defeated till you quit’ यानी जब तक आप छोड़ते नहीं हैं, तब तक आप हार नहीं सकते। प्रशांत किशोर की और मेरे साथियों की बिहार सुधारने की जो जिद है, उस जिद के सामने इस जीवन में दूसरा कुछ नहीं है। जितनी मेहनत करते हुए आपने मुझे देखा है, उससे दोगुनी मेहनत करेंगे और पूरी ताकत से लगेंगे, पीछे हटने का सवाल नहीं है। जब तक बिहार को सुधारने के अपने संकल्प को पूरा न कर लें तब तक पीछे हटने का सवाल ही नहीं है।'
उन्होंने आगे कहा कि हम लोगों ने कोई गुनाह नहीं किया है। उन्होंने कहा, 'हम लोगों ने कोई गुनाह नहीं किया है। गलती बोल सकते हैं, गुनाह नहीं है। अपने साथियों के साथ मैं सिर उठाकर कह सकता हूं कि हम लोगों ने कोई गुनाह नहीं किया है। बिहार में 30-35 साल से जाति की राजनीति हुई है। वहां पर हमने जातियों का जहर फैलाने का गुनाह नहीं किया है। हम लोगों ने हिंदू मुस्लिम की राजनीति नहीं की है, लोगों को धर्म के नाम पर बांटने का गुनाह नहीं किया है। पैसा देकर वोट खरीदने का गुनाह नहीं किया है।'
उन्होंने आगे कहा, 'जिन लोगों ने यह गुनाह किया होगा, वे लोग जीत भी गए हैं, उन्हें हिसाब देना होगा। मैं अक्सर महाभारत के चक्रव्यूह की कहानी सुनाता रहा हूं। जिस धर्मयुद्ध की बात हम लोग करते हैं, पांडवों के साथ भगवान श्रीकृष्ण थे, फिर भी अभिमन्यु को घेरकर छल से मार दिया गया लेकिन उसके आगे की कथा भी है। अभिमन्यु को मारकर भी महाभारत नहीं जीती जा सकी। महाभारत जीती तो अंत में वही जो सही रास्ते पर था, धर्म के रास्ते पर था तो यकीन मानिए कि अंत में जीत तो जन सुराज की ही होगी।'
यह भी पढ़ें: जनसुराज ने महागठबंधन‑NDA को दिया बराबर का झटका, 15‑15 सीटों का नुकसान
जेडीयू को 25 सीट के दावे पर क्या बोले?
चुनाव से पहले प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि नीतीश कुमार की पार्टी 25 सीट भी नहीं जीत पाएगी। उन्होंने कहा था कि अगर जेडीयू ने 25 सीट भी जीत ली तो वह राजनीति छोड़ देंगे। इस सवाल पर भी प्रशांत किशोर ने अपनी बात रखी।
इस सवाल पर उन्होंने कहा, 'जो 25 सीट की हमने बात कही थी, हम उस पर बिल्कुल कायम है। अगर नीतीश कुमार की सरकार ने वोट खरीदा नहीं है, तो महिलाओं को 2-2 लाख रुपये दे दे, मैं बिल्कुल राजनीति से संन्यास ले लूंगा। उसमें कहीं कोई दिक्कत नहीं है।'
उन्होंने कहा कि जो लोग जीतकर आए हैं, उन्हें खूब बधाई। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और बीजेपी जिन बातों को लेकर सत्ता में आए हैं, उन्हें पूरा करे।
उन्होंने कहा कि 'जिन लोगों ने हमारे जनसुराज के साथ जुड़कर एक सपना देखा था, उनकी सोच बनी थी कि बिहार में एक नई व्यवस्था बनाई जा सकती है। उन सबके सपनों, आशाओं पर खरा नहीं उतरने पर जो दोष है, वह मेरा है। मैं आपसे विनम्रता से माफी मांगता हूं कि आपके सपनों के अनुसार वह व्यवस्था बनाने में नाकामयाब रहा हूं। प्रायश्चित के तौर पर मैं गांधी विदर्भ आश्रम में एक दिन का मौन उपवास रखूंगा। जो भी जनसुराज के साथी हैं, प्रायश्चित के तौर पर एक दिन का सामूहिक उपवास रखेंगे।'
