बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार में कलह और बढ़ती जा रही है। रोहिणी आचार्य के बाद तीन और बेटियों ने पटना स्थित आवास छोड़ दिया है। हालांकि इसके पीछे की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है। बड़े बेटे तेज प्रताप को पहले ही पार्टी और परिवार से निकाला जा चुका है। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद परिवार में मतभेद चरम पर हैं। शनिवार को रोहिणी आचार्य ने एक मार्मिक पोस्ट में पार्टी और परिवार छोड़ने का ऐलान किया था। मीडिया से बातचीत में रोहिणी ने कहा कि उनका कोई परिवार नहीं है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक लालू प्रसाद की बेटियां राजलक्ष्मी, रागिनी और चंदा ने पटना स्थित लालू और राबड़ी देवी के आवास 10 सर्कुलर रोड से चुपचाप दिल्ली चली गई हैं। रोहिण आचार्य के बाद तीन अन्य बेटियों का चुपचाप घर से निकलने की खबर से बिहार की सियासत तल्ख है।
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इसी साल मई महीने में लालू प्रसाद यादव ने एक सार्वजनिक घोषणा में बताया था कि उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से निकाल दिया गया है। फेसबुक पर एक महिला के साथ फोटो साझा करने के बाद राजद सुप्रीमो ने यह कदम उठाया था। अबकी बिहार विधानसभा चुनाव में तेज प्रताप ने अपनी अलग पार्टी जनशक्ति जनता दल के सहारे मैदान में उतरे। हालांकि न वह जीते और न ही उनका कोई प्रत्याशी।
संजय यादव और रमीज पर आरोप
बिहार चुनाव नतीजे आने के एक दिन बाद यानी शनिवार को रोहिणी आचार्य ने परिवार से नाता तोड़ने और राजनीति छोड़ने की घोषणा की थी। रोहिणी आचार्य पेशे से डॉक्टर हैं और सिंगापुर में रहती हैं। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, 'मैं सियासत छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं। संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था। मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं।'
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मुझे अनाथ बना दिया गया: रोहिणी
एक अन्य पोस्ट में रोहिणी ने लिखा, कल एक बेटी, एक बहन, एक शादीशुदा महिला, एक मां को जलील किया गया। गंदी गालियां दी गईं। मारने के लिए चप्पल उठाई गई। मैंने अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया। सच का समर्पण नहीं किया, सिर्फ और सिर्फ इस वजह से मुझे बेइज्जती झेलनी पड़ी। कल एक बेटी मजबूरी में अपने रोते हुए मां-बाप, बहनों को छोड़ आई। मुझसे मेरा मायका छुड़वाया गया। मुझे अनाथ बना दिया गया।
