गणेश चतुर्थी का त्योहार हर साल की तरह इस साल भी पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। हर शहर में भगवान गणेश की भव्य और अनोखी मूर्तियां स्थापित की गई हैं, जो अपनी कलात्मकता और धार्मिक आस्था के लिए चर्चा में हैं। इस साल देश के अलग-अलग हिस्सों में गणेश जी की प्रतिमा को डॉक्टर, फाइटर जेट पायलट, ऑपरेशन सिंदूर के मिशन से जोड़कर बनाया गया है। वहीं, आंध्र प्रदेश में टॉफी के पैकेट से भगवान गणेश की मूर्ति बनाई गई है। इनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। हर साल की तरह इस साल भी मुंबई के अलग-अलग हिस्सों में गणपति पंडाल का आयोजन किया गया है।
गणेश चतुर्थी के मौके पर हैदराबाद में ऑपरेशन सिंदूर की थीम पर पंडाल सजाया गया है। इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं। वहीं, मुंबई के प्रसिद्ध लालबाग चा राजा की तस्वीर भी आ चुकी हैं, हर साल की तरह इस साल भी इस पंडाल को भव्य रूप दिया गया है। हर जगह की मूर्तियों में भक्ति और कला का संगम दिखाई दे रहा है, जो गणेश चतुर्थी को केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक उत्सव भी बना देता है।
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टॉफी-चॉकलेट से बनी बप्पा की मूर्ति
आंध्र प्रदेश का एक गणेश पंडाल इस बार लोगों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र बना हुआ है। यहां बप्पा की प्रतिमा किसी साधारण सामग्री से नहीं, बल्कि टॉफी और चॉकलेट से तैयार की गई है। वहीं पंडाल को सजाने के लिए कुरकुरे और चिप्स के पैकेट का इस्तेमाल किया गया है।
रंग-बिरंगी टॉफी और चॉकलेट से बनी यह अनोखी प्रतिमा भक्तों का ध्यान खींच रही है। बड़ी संख्या में लोग पंडाल में पहुंचकर बप्पा के दर्शन कर रहे हैं । यह पंडाल बच्चों के लिए भी आकर्षण का बड़ा केंद्र बना हुआ है, क्योंकि बप्पा का रूप ही उन्हें टॉफी और चॉकलेट की याद दिला रहा है। सोशल मीडिया पर भी इस पंडाल की तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। हर कोई इस अनोखे अंदाज में बने बप्पा के दर्शन कर रहा है।
लालबाग के राजा की प्रतिमा
मुंबई के प्रसिद्ध लालबागचा राजा कहे जाने वाले गणपति जी की प्रतिमा की तस्वीरें वायरल हो रही है। इस प्रतिमा की विशेषता यह है कि इसे बहुत ही भव्य और राजसी रूप दिया गया है। भगवान गणेश को राजाओं की तरह सजाया गया है। उनके सिर पर सुंदर मुकुट, गले में मोतियों और फूलों की माला, हाथों में शंख और अन्य प्रतीकात्मक चीजे दिख रही हैं। लाल और सुनहरे रंग के वस्त्र और आभूषण उनकी शोभा को और बढ़ा रहे हैं।

मूर्ति के पीछे का सिंहासन और पृष्ठभूमि पूरी तरह से सुनहरी शिल्पकारी से सजाया गया है, जिसमें हाथियों और पारंपरिक आकृतियों की नक्काशी की गई है। यह भव्यता दर्शाती है कि लालबागचा राजा केवल श्रद्धा का केंद्र नहीं बल्कि कला, संस्कृति और परंपरा का अद्भुत संगम है।
लालबागचा राजा की खास पहचान यह भी है कि भक्त मानते हैं कि यहां मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है। इसी वजह से गणेश चतुर्थी के दौरान लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से आकर इस प्रतिमा के दर्शन करते हैं।
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नवी मुंबई में कुछ यूं सजे हैं गणपति
नवी मुंबई में गणेश चतुर्थी 2025 के लिए लाई गई, भगवान गणेश की यह प्रतिमा अपनी खूबसूरती और भव्यता से सबका मन मोह रही है। भगवान गणेश की यह मूर्ति पीले और हरे रंग की सजावट में बहुत आकर्षक लग रही है। गले में हरित माला और शाही अंदाज में बैठे गणेश जी का स्वरूप भक्तों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।

इस मूर्ति की खास बात यह है कि इसमें भगवान गणेश को पारंपरिक परिधान और चमकदार आभूषणों से सजाया गया है। पीला कपड़ा समृद्धि और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। चारों ओर उड़ती रंग-बिरंगी कंफेटी और रोशनी माहौल को और भी आनंदमय बना रही हैं।
ऑपरेशन सिंदूर थीम पर बना पंडाल
हैदराबाद से गणपति की एक तस्वीर वायरल हो रही है। जहां गणेश चतुर्थी 2025 के अवसर पर भगवान गणेश की एक अनोखी प्रतिमा सजाई गई है। इस मूर्ति की खासियत यह है कि इसे भारतीय सेना के साहसिक ऑपरेशन 'सिंदूर' और ब्रह्मोस मिसाइल की थीम पर बनाया गया है।

प्रतिमा में भगवान गणेश को एयरफोर्स पायलट की तरह दिखाया गया है, जहां वह सैनिकों के कपड़े पहने हुए नजर आ रहे हैं। उनके हाथों और आसपास 'ब्रह्मोस' मिसाइल का मॉडल रखा गया है। गणेश जी के वाहन मूषक (चूहा) को भी सैनिक के रूप में दिखाया गया है, जो बंदूक और सैन्य वेशभूषा में है। हैदराबाद के इस पंडाल में बनाई गई प्रतिमा लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
नागपुर में ऐसी बनी है गणेश जी की प्रतिमा
नागपुर में गणेश चतुर्थी के मौके पर भगवान गणेश की प्रतिमा को अलग तरीके से सजाया गया है। इस प्रतिमा की खासियत यह है कि भगवान गणेश को यहां बहुत ही विशाल और अद्वितीय रूप में सजाया गया है। प्रतिमा का रंग गहरे काले शिल्प जैसा है, जो इसे और भी दिव्य और प्रभावशाली बनाता है।

गणेशजी के हाथ में गदा है, जो शक्ति और पराक्रम का प्रतीक माना जाता है। गले में लाल फूलों की माला और स्वर्णाभूषणों से सजी यह प्रतिमा पारंपरिक और राजसी आभा बिखेरती है। आसपास भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी हुई है, जो ढोल-नगाड़ों और पटाखों के बीच गणपति बप्पा मोरया के जयकारों के साथ उत्सव मना रहे हैं।
