दुनिया भर के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था और अध्यात्म से जुड़ा महापर्व गीता जयंती इस वर्ष 1 दिसंबर 2025 को धूमधाम से मनाया जाएगा। मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाया जाने वाला यह पर्व उस दिव्य क्षण की याद दिलाता है जब भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की पवित्र भूमि पर अर्जुन को धर्म, कर्म और अध्यात्म का अनंत ज्ञान दिया था। इस अवसर पर हरियाणा के कुरुक्षेत्र में भव्य अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रमों में गीता का अखंड पाठ, वैश्विक गीता सम्मेलन, सांस्कृतिक समारोह, धार्मिक शोभायात्राएं और विशाल यज्ञ अनुष्ठान होता है।
इस साल गीता जयंती महोत्सव खास इसलिए भी है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को इसमें शामिल होंगे और इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश को 'पार्टनर स्टेट' के रूप में जोड़ा गया है। 51 देशों में भी गीता जयंती के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे यह आयोजन वैश्विक स्तर पर आध्यात्मिक चेतना का केंद्र बन गया है। इस साल गीता जयंती महोत्सव की शुरुआत 15 नवंबर, 2025 से हो रही है। यह कार्यक्रम 21 दिनों तक चलेगा और 5 दिसंबर, 2025 को समाप्त होगा।
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गीता जयंती का महत्व
गीता जयंती हिंदू धर्म का एक बहुत पवित्र और आध्यात्मिक पर्व है। इसका महत्व इस प्रकार है-
श्रीमद्भगवद्गीता का प्राकट्य दिवस
इस दिन गीता के 700 श्लोकों का दिव्य ज्ञान मानव जाति को प्राप्त हुआ। इस दिन को धर्म और कर्म के सिद्धांतों को याद करने का अवसर माना जाता है।
कर्म योग, ज्ञान योग और भक्ति योग का संदेश
- गीता जयंती जीवन में,
- सही कर्म करने,
- कर्तव्य निभाने,
- भय और मोह त्यागने,
- आत्मा की शाश्वतता समझने का संदेश देती है।
मोक्ष प्राप्ति का मार्ग
यह दिन आध्यात्मिक साधना, उपवास, कथा और गीता पाठ के जरिए आत्मिक शुद्धि देने वाला माना जाता है।
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कुरुक्षेत्र का वैश्विक महत्व
जहां गीता का उपदेश हुआ, वह स्थान धर्मक्षेत्र – कुरुक्षेत्र आज भी लाखों श्रद्धालुओं के लिए तीर्थ है। इस दिन यहां विशेष आयोजन होते हैं।
दुनिया भर में मनाया जाने वाला पर्व
गीता जयंती अब केवल भारत ही नहीं बल्कि 50 से ज्यादा देशों में मनाई जाती है। इसे एक वैश्विक आध्यात्मिक दिवस माना जा रहा है।
गीता जयंती की विशेषताएं
गीता का अखंड पाठ
श्रद्धालु पूरी श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करते हैं, विशेषकर 18 अध्याय और 700 श्लोक।
कुरुक्षेत्र में विशाल महोत्सव
- हर साल कुरुक्षेत्र, हरियाणा में अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव आयोजित होता है, जिसमें
- सांस्कृतिक कार्यक्रम,
- गीता चर्चा,
- अंतरराष्ट्रीय सेमिनार,
- यज्ञ आयोजन,
- तीर्थ दर्शन आदि सम्मिलित रहते हैं।
- गीता महाभव–पूजन
इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा, गीता होम, गीता यज्ञ और रथ यात्रा निकाली जाती है।
धर्म, ज्ञान और कर्म का महोत्सव
यह दिन हर व्यक्ति को यह संदेश देता है कि जीवन में सबसे बड़ा धर्म, कर्तव्य है। सबसे बड़ा योग, कर्म योग है। सबसे बड़ा सत्य, आत्मा का अमर होना है।
गीता जयंती क्यों खास मानी जाती है?
- इसे ज्ञान का जन्मदिन कहा जाता है।
- हर युग, हर धर्म और हर व्यक्ति के लिए उपयोगी ग्रंथ होने की वजह से गीता को मानवता का मार्गदर्शक माना गया है।
- इस दिन ध्यान, योग, दान और सत्संग के विशेष पुण्य की मान्यता है।
- जो लोग गीता का नित्य पाठ आरंभ करते हैं, उनके जीवन में स्थिरता और सकारात्मकता बढ़ती है।
