भारतीय टीम घरेलू टेस्ट सीरीज में फिर से शर्मसार होने वाली है। साउथ अफ्रीका के खिलाफ गुवाहाटी टेस्ट में टीम बैकफुट पर नजर आ रही है। मुकाबले में तीन दिन का खेल हो चुका है और अब तक प्रोटियाज टीम ने दबदबा बनाया हुआ है। टेम्बा बावुमा की कप्तानी वाली टीम ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया और बोर्ड पर 489 रन टांग दिए, जिसके जवाब में ऋषभ पंत एंड कंपनी सोमवार (24 नवंबर) को 201 रन पर ऑलआउट हो गई।

 

साउथ अफ्रीका को 288 रन की भारी भरकम बढ़त मिली। उसके पास भारत को फॉलोऑन के लिए मजबूर करने का मौका था लेकिन बावुमा ने मैच की तीसरी पारी में बैटिंग करने का फैसला कियातीसरे दिन स्टंप्स तक साउथ अफ्रीका ने बगैर किसी नुकसान के 26 रन बना लिए हैं और अपनी लीड को 314 रन तक पहुंचा दी है। गुवाहाटी टेस्ट अब उसके गिरफ्त में है। वह भारतीय सरजमीं पर 25 साल बाद टेस्ट सीरीज जीतने की कगार पर है।

 

दूसरी ओर भारतीय टीम पिछले साल न्यूजीलैंड के हाथों घरेलू टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप झेलने के बाद एक और सीरीज में शर्मनाक हार झेलने के करीब है। मेजबान टीम के लिए अब गुवाहाटी टेस्ट बचाना बेहद मुश्किल है।

 

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गुवाहाटी का गुनहगार कौन?

कोलकाता में खेले गए इस सीरीज के पहले टेस्ट में टीम इंडिया 124 रन के टारगेट को भी नहीं चेज कर पाई थी। इस हार के बाद पिच को लेकर काफी बवाल हुआ। हेड कोच गौतम गंभीर ने कहा कि हमने जैसी पिच मांगी थी, ईडन गार्डंस की पिच वैसी ही थी। गंभीर को इस बयान के लिए काफी आलोचना झेलनी पड़ी। लोगों का कहना था कि आपने जैसा चाहा, वैसी ही पिच थी तो फिर टीम हार क्यों गई?

 

गंभीर के कोचिंग कार्यकाल में भारतीय टीम अपनी जमीन पर भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही है। लगातार मिल रही हार के बाद जब उनके फैसले पर सवाल उठाए गए तो टीम के बैटिंग कोच सितांशु कोटक ने कह दिया कि गंभीर के खिलाफ एजेंडा चलाया जा रहा है। गुवाहाटी टेस्ट से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिंताशु कोटक ने गंभीर का बचाव करते हुए कोलकाता में मिली हार का दोष बल्लेबाजों पर मढ़ दिया। यह बात अलग है कि सितांशु कोटक का काम गंभीर के लिए बैटिंग करना नहीं, बल्कि बैटिंग करने वालों की तकनीक में सुधार करना है।

 

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गुवाहाटी में तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद फील्ड से बाहर निकलते भारतीय खिलाड़ी, Photo Credit: PTI

बल्लेबाज फिर से फुस्स

भारतीय गेंदबाजों को साउथ अफ्रीकी की पहली पारी समेटने में 151.1 ओवर लगे थे। इनमें से 80 से ज्यादा ओवर पुछल्ले बल्लेबाजों ने खेले। सातवें नंबर पर उतरे सेनुरन मुथुसामी (109) ने शतक जड़ा तो वहीं नंबर-9 मार्को यानसन ने 91 गेंद में ताबड़तोड़ 93 रन ठोक दिए। यानसन ने इसके बाद कमाल की गेंदबाजी करते हुए 48 रन देकर 6 विकेट झटके और भारत का सस्ते में ढेर कर दिया। 

 

भारतीय बल्लेबाज न साउथ अफ्रीकी स्पिनर्स के सामने सहज लगे और न ही साढ़े आठ फीट ऊपर से आ रही यानसन की गेंदों को खेल पा रहे थे। वॉशिंगटन सुंदर (48) और कुलदीप यादव (19) के बीच आठवें विकेट के लिए 72 रन की साझेदारी नहीं होती तो शायद मुकाबला आज ही खत्म हो जाता (यह मानते हुए कि भारत की पारी 150 के अंदर समेटने के बाद टेम्बा बावुमा फॉलोऑन खेलने के लिए कहते)। भारत की खस्ताहाल बल्लेबाजी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 9वें नंबर पर उतरे कुलदीप यादव इकलौते ऐसे बल्लेबाज रहे, जिन्होंने 100 से ज्यादा गेंद खेली। हालांकि बैटिंग कोच को इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए। गंभीर का बचाव कैसे करना है, वह यहां फोकस कर सकते हैं!