गुवाहाटी टेस्ट में साउथ अफ्रीका के सामने टीम इंडिया ने घुटने टेक दिए हैं। 549 रन के टारगेट का पीछा करते हुए भारतीय टीम मुकाबले के आखिरी दिन (26 नवंबर) महज 140 रन पर ढेर हो गई है। मेजबान टीम को 408 रन से शर्मनाक हार झेलनी पड़ी है। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में रनों के अंतर से भारत की यह सबसे बड़ी हार है। साथ ही सीरीज में उसका सूपड़ा साफ हो गया है। भारतीय टीम पिछले साल भी न्यूजीलैंड के हाथों घर में 0-3 से शर्मसार हुई थी।
साउथ अफ्रीका ने खत्म किया सूखा
साउथ अफ्रीका ने गुवाहाटी में टीम इंडिया को रौंदते ही 25 साल का सूखा खत्म कर दिया है। प्रोटियाज टीम ने भारत में साल 2000 के बाद पहली टेस्ट सीरीज जीत हासिल कर ली है। उसने कोलकाता में खेले गए पहले टेस्ट में 30 रन से बाजी मारी थी।
गुवाहाटी में साउथ अफ्रीका की जीत के हीरो मार्को यानस और साइमन हार्मर रहे। यानसन ने पहली पारी में 91 गेंद में 93 रन ठोकने के बाद भारत की पहली पारी के दौरान 48 रन देकर 6 विकेट झटके थे। वहीं हार्मर ने मैच में 9 विकेट चटकाए। इस ऑफ स्पिनर ने भारत की पहली पारी में 3 विकेट लेने के बाद दूसरी पारी में 6 विकेट झटके।
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गुवाहाटी टेस्ट ड्रॉ भी नहीं करा पाई टीम इंडिया
साउथ अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए 489 रन बनाए थे, जिसके जवाब में भारतीय टीम 201 पर सिमट गई थी। प्रोटियाज टीम को 288 रन की बड़ी लीड मिली। उसने अपनी दूसरी पारी 260/5 के स्कोर पर घोषित की और भारत के सामने 549 रन का असंभव सा लक्ष्य रखा। टीम इंडिया ने इस टारगेट का पीछा करते हुए चौथे दिन का खेल खत्म होने तक यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल के विकेट के गंवा दिए।
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खेल के आखिरी दिन उम्मीद थी कि भारतीय टीम मुकाबले को ड्रॉ करा लेगी लेकिन बल्लेबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन जारी रहा। साई सुदर्शन और रवींद्र जडेजा को छोड़कर कोई संघर्ष नहीं दिखा सका। सुदर्शन ने 139 गेंद खेली, जबकि जडेजा ने 54 रन बनाए। कप्तान ऋषभ पंत 16, जबकि ध्रुव जुरेल 3 गेंद ही खेल पाए। नीतीश रेड्डी भी तीसरी गेंद पर ही आउट हो गए।
