साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में भारत की हार के बाद से हेड कोच गौतम गंभीर की जमकर ट्रोलिंग हो रही है। गंभीर ने कहा था कि हमने जैसी पिच की मांग की थी, ईडन गार्डंस की पिच वैसी ही पिच थी। यह कहकर गंभीर आलोचकों के निशाने पर आ गए हैं। टेस्ट क्रिकेट में उनकी कोचिंग शैली पर सवाल उठाए जा रहे हैं। गंभीर के कार्यकाल में भारतीय टीम घरेलू सरजमीं पर 8 टेस्ट में से 4 मैच गंवा चुकी है।

 

ईडन गार्डंस में मिली हार के बाद से गंभीर की चहुंओर हो रही आलोचना पर टीम इंडिया के बैटिंग कोच सितांशु कोटक भड़क गए हैं। उन्होंने गुवाहाटी में होने वाले दूसरे टेस्ट से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कई बार लगता है कि यह एक एजेंडे के तहत हो रहा है। उनका मानना है कि यह कुछ लोगों का एजेंडा है।

 

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गंभीर की आलोचना से सितांशु हैरान

सितांशु कोटक ने शनिवार से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट से पहले कहा, ' यह कोई तरीका नहीं है। उनकी बहुत आलोचना हो रही है। मैं इसलिए ऐसा कह रहा हूं क्योंकि मैं स्टाफ हूं और मुझे बुरा लग रहा है।' उन्होंने आगे कहा, 'शायद कुछ लोगों का व्यक्तिगत एजेंडा है। उन्हें शुभकामनाएं लेकिन यह बहुत खराब है'

 

कोलकाता के ईडन गार्डंस स्टेडियम में भारतीय टीम 124 रन के साधारण लक्ष्य का पीछा करते हुए भी हार गई। गंभीर ने बाद में कहा कि पिच वैसी ही थी, जैसी मांगी गई थी। वहीं कुछ सप्ताह पहले शुभमन गिल ने कहा था कि भारतीय टीम अच्छी पिचों पर खेलना चाहती है, जो बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों की मदद करे सितांशु कोटक ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि गंभीर के अलावा किसी से सवाल नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'कोई यह नहीं कह रहा कि बल्लेबाजों ने यह किया या गेंदबाजों ने गलती की या हम बल्लेबाजी में कुछ और कर सकते थे

 

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'गंभीर ने अपने ऊपर लिया दोष'

सितांशु ने यह स्वीकार करने के लिए गंभीर की सराहना की कि उन्होंने ऐसी ही पिच मांगी थी। उन्होंने कहा, 'पिछले मैच में गंभीर ने सारा दोष खुद पर ले लिया। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उन्हें लगा कि क्यूरेटर्स को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए'

 

सितांशु का मानना है कि पिछले 15 साल में तकनीक और मानसिकता में बदलाव टी20 क्रिकेट अधिक खेले जाने से आया हैउन्होंने कहा, 'अब दुनिया भर में ऐसे कई खिलाड़ी हैं जो तीनों फॉर्मेट खेलते हैं लेकिन तीनों फॉर्मेट में खेलने की तकनीक अलग अलग होती है। टेस्ट मैच में फुटवर्क पर काफी जोर रहता है और टी20 में पावर हिटिंग अहम है जिसमें फुटवर्क की उतनी भूमिका नहीं होती'