अल-फलाह यूनिवर्सिटी के फाउंडर और अल-फलाह ग्रुप के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी के खिलाफ बड़े एक्शन की तैयारी है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने जवाद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है। अब मध्य प्रदेश के महू कैंटोनमेंट ने जवाद अहमद सिद्दीकी के पुश्तैनी घर को ढहाने का नोटिस जारी किया है।
महू छावनी के सीईओ विकास कुमार बिश्नोई का कहना है कि हमारे रिकॉर्ड में प्रॉपर्टी उनके पुरखे हमद अहमद सिद्दीकी के नाम पर है। यह रक्षा मंत्रालय की पुरानी ग्रांट वाली संपत्ति है। जवाद अहमद सिद्दीकी ने नाम ट्रांसफर और रजिस्ट्रेशन का आवेदन किया था। साल 1996-97 का एक नोटिस जारी किया गया था। अब एक नया नोटिस जारी किया गया है।
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गैर-कानूनी घोषित हो चुका घर
विकास कुमार बिश्नोई ने आगे कहा कि यह जमीन ब्रिटिश ग्रांट के तहत सिर्फ रहने की खातिर दी गई थी। 1990 के दशक में इस घर को गैर-कानूनी घोषित किया जा चुका है। अभी अधिकारियों को घर बंद मिला है। उन्हें तीन दिन का समय दिया गया है। समय सीमा खत्म होने के बाद कार्रवाई की जाएगी। जवाद अहमद सिद्दीकी के परिवार से जुड़ी यह प्रॉपर्टी महू के मुकेरी मोहल्ला इलाके में सर्वे नंबर 245/1245 पर मौजूद है।
'परिवार से वसूला जाएगा खर्च'
कैंटोनमेंट इंजीनियर एचएस कलोया ने कहा, 'हमने मरहूम मौलाना हम्माद के घर को नोटिस जारी किया है। मौलाना हम्माद जवाद अहमद सिद्दीकी के पिता हैं। अधिकारी ने कहा कि बार-बार नोटिस देने के बावजूद परिवार ने अपना निर्माण नहीं हटाया। अब नए नोटिस में प्रॉपर्टी पर अभी रहने वाले या कानूनी वारिसों को तीन दिन के भीतर स्ट्रक्चर को हटाने का निर्देश दिया गया है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो कैंटोनमेंट बोर्ड इसे खुद ही हटाएगा और खर्च नियमों के मुताबिक संबंधित पार्टी से वसूला जाएगा।'
हैदराबाद से जवाद सिद्दीकी का भाई गिरफ्तार
मध्य प्रदेश पुलिस ने जवाद सिद्दीकी के भाई हमूद अहमद सिद्दी को रविवार को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से गिरफ्तार किया है। उस पर करीब 25 साल पहले महू में बड़े पैमाने पर फ्रॉड करने का आरोप है।
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10 नवंबर की शाम लाल किला के पास बम धमाके के बाद से फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी चर्चा में है। धमाके का मुख्य आरोपी डॉ. उमर उन नबी अल-फलाह यूनिवर्सिटी के जनरल मेडिसिन डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर था। आशंका है कि कई अन्य संदिग्ध इस यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं। यूनिवर्सिटी के कई अन्य डॉक्टरों को हिरासत में लिया जा चुका है। प्रवर्तन निदेशालय और राष्ट्रीय जांच एजेंसी मामले की जांच में जुटी है। बता दें कि लाल किला बम धमाके में 15 लोगों की जान गई थी।
