नीतीश कुमार 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बन गए हैं। उनकी कैबिनेट में 26 मंत्री हैं। इन मंत्रियों में एक नाम ऐसा है, जिसके पास न तो विधानसभा की सदस्यता है, न ही विधान परिषद की। राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश को शपथ ग्रहण मंच पर जिसने भी देखा, हैरान रह गया।
दीप प्रकाश ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की मौजूदगी में राष्ट्रीय लोक मोर्चा की ओर से मंत्री पद की शपथ ली। राष्ट्रीय लोक मंच के 4 विधायकों ने चुनाव में जीत हासिल की है। दीपक प्रकाश इन विधायकों में सबसे कम उम्र के हैं। वह राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के बेटे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता के नाम की चर्चा थी, उपेंद्र कुशवाहा ने तय किया कि अब पार्टी की विरासत दीपक प्रकाश संभालेंगे। अब वह नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में शामिल हो गए हैं। सीट बंटावारे में राष्ट्रीय लोक मोर्चा के खाते में 6 सीटें आईं थीं, 4 पर जीत हासिल की। स्नेहलता सासाराम से चुनी गईं, बाजपट्टी से रामेश्वर कुमार महतो, मधुबनी से माधव आनंद और दिनारा से आलोक कुमार सिंह।
दीपक प्रकाश का नाम हैरान क्यों कर रहा है?
दीपक प्रकाश का नाम, इससे पहले कभी सुर्खियों में नहीं रहा है। नीतीश कुमार की कैबिनेट से कई बड़े चेहरों की विदाई हो गई है। अब दीपक प्रकाश का नाम सबको चौंका रहा है। दीपक प्रकाश, कुशवाहा समाज के अब प्रतिनिधि चेहरा बन गए हैं। बिहार के मंत्रिमंडल में सभी दलों ने जातीय समीकरणों के हिसाब से सीटों का बंटवारा किया है। दीपक प्रकाश बिहार की राजनीति में दूसरे मजबूत पारिवारिक बैकग्राउंड वाले नेताओं की तरह सक्रिय नहीं थे। वह विदेश में पढ़ाई कर रहे थे, अब लौट आए हैं।
दीपक प्रकाश:-
पहले भी पार्टी की बैठकों में शामिल रहा हूं, पार्टी के लिए काम किया है। पिता प्रेरणा हैं, पिता की वजह से राजनीति में आने का फैसला किया है। कैबिनेट में शामिल किए जाने की खबर मेरे लिए भी चौंकाने वाला रहा।
उपेंद्र कुशवाहा ने इस फैसले पर क्या कहा है?
उपेंद्र कुशवाहा उन गिने-चुने नेताओं में शुमार हैं, जो अब चाहते हैं कि बिहार की राजनीति में अब नीतीश कुमार के बेटे, निशांत कुमार को उतार दिया जाए। जो नीतीश नहीं कर पाए, उन्होंने अपने बेटे के लिए कर दिया। उन्होंने दीपक प्रकाश को उतारने पर कहा कि यह वक्त का जरूरत है कि कमान अब युवाओं को सौंप दी जाए।
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कौन हैं दीपक प्रकाश?
दीपक प्रकाश, उपेंद्र कुशवाहा के बेटे हैं। साल 1989 में उनका जन्म हुआ था। उन्होंने 2011 में सिक्किम मणिपाल यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर रहे हैं। विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं। पार्टी की आंतरिक बैठकों में शामिल होते रहे हैं। इससे ज्यादा जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं है।
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बिना विधायक, विधान परिषद सदस्य बने मंत्री कैसे बने?
बिना विधायक या विधान परिषद सदस्य बने भी मंत्री पद की शपथ ली जा सकती है। संविधान का अनुच्छेद 164 कहता है कि मंत्री को विधानमंडल का 6 महीने का भीतर सदस्य बनना अनिवार्य है। अब दीपक प्रकाश को बिहार विधानसभा परिषद या विधानसभा की सदस्यता लेनी होगी।
आलोचना क्या हो रही है?
सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे हैं कि एनडीए परिवारवाद से बचने का दावा करता है, गठबंधन के कई मंत्री परिवार की वजह से ही राजनीति में हैं। जन सुराज के नेता मनोज भारती ने भी इसे लेकर सवाल उठा है।
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'कुशवाहा' समाज के अगले नेता दीपक प्रकाश
बिहार में कुशवाहा (कोइरी) जाति की आबादी करीब 4.21 फीसदी है। कुशवाहा वोटर 70 से अधिक विधानसभा और करीब 15 लोकसभा सीटों पर असर डालते हैं। उपेंद्र कुशवाहा, अब अपनी राजनीतिक विरासत दीपक प्रकाश को सौंपते नजर आ रहे हैं।
मनोज भारती, नेता, जन सुराज:-
बिहार की राजनीति भी कम कमाल नहीं है, जिस उपेंद्र कुशवाहा के बेटे को आज से पहले जनता नाम तक नहीं जानती थी। जो कभी वार्ड मेंबर तक के चुनाव की लाइन में नहीं लगे, वे सीधे मंत्री पद की शपथ ले रहे हैं। और पीछे फ्रेम में वही नेता मुस्कुराते दिखते हैं, जो हर चुनाव में परिवारवाद पर सबसे तीखे वार करते हैं। कल स्टेज से परिवारवाद खत्म करेंगे की प्रतिज्ञा सुनेंगे और आज परिवारवाद की ही नई फसल को सत्ता की सिंचाई मिल रही है।
