राजस्थान की राजधानी जयपुर में कक्षा चार की छात्रा की मौत मामले में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की दो सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। एक नवंबर को 9 वर्षीय बच्ची ने एक प्राइवेट स्कूल की चौथी मंजिल से छलांग लगाकर अपनी जान दे दी थी। अब कमेटी ने अपनी जांच में पाया कि बच्ची के अभिभावक पिछले 18 महीने से उत्पीड़न की शिकायत कर रहे थे, लेकिन स्कूल ने इस पर ध्यान नहीं दिया। स्कूल ने कई स्तर पर लापरवाही बरती और सूबत से भी छेड़छाड़ की।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बच्ची ने अपनी मौत के 45 मिनट पहले अपनी क्लास टीचर से पांच बार संपर्क किया था। मगर उस पर ध्यान नहीं दिया गया। अपने पहले की रिपोर्ट में अखबार ने बताया था कि बच्ची के साथ पढ़ने वाले कुछ बच्चों ने डिजिटल स्लेट पर टिप्पणी लिख दी थी। बच्ची ने क्लास टीचर को इसकी जानकारी दी।
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स्कूल को कारण बताओ नोटिस
सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि टीचर ने बच्ची की शिकायत पर कोई एक्शन लेने के बजाय उल्टा उसे ही डांटा और कक्षा में चिल्लाया। इस वजह से बच्ची न केवल परेशान हुई बल्कि शर्मिंदा भी महसूस किया। समिति ने बताया कि फोरेंसिक जांच से पहले उस स्थान को धो दिया गया था, जहां पर बच्ची गिरी थी। अब सीबीएसई की समिति ने स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
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प्रोटोकॉल और सुरक्षा में बरती गई लापरवाही
समिति के मुताबिक स्कूल ने अभिभावक की शिकायत की अनदेखी, सुरक्षा में लापरवाही और प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया। बच्ची में कई संकेत मिलने के बावजूद उसे स्कूल काउंसलर के पास नहीं भेजा गया। स्कूल स्वस्थ्य वातावरण बनाने में भी फेल रहा। उसके बुनियादी ढांचे में कई खामियां मिली हैं। सीसीटीवी की निगरानी पर्याप्त नहीं है। छात्र पहचान पत्र भी नहीं पहनते हैं। यह सब सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। रिपोर्ट में कहा गया कि स्कूल का बुनियादी ढांचा असुरक्षित और दिशानिर्देशों के विपरीत है।
