जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने गुरुवार को जम्मू स्थित अंग्रेजी अखबार कश्मीर टाइम्स के दफ्तर पर छापेमारी की। अखबार पर देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने, देश के खिलाफ नफरत फैलाने और अलगाववादी विचारधारा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है।

 

पुलिस ने बताया कि अखबार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। यह अखबार अनुराधा भसीन जामवाल का है। छापेमारी के दौरान सूत्रों के मुताबिक 14 AK-47 की गोलियां, कुछ पिस्तौल की गोलियां और तीन हैंड ग्रेनेड के पिन बरामद हुए हैं। हालांकि अभी तक पुलिस या सरकारी अधिकारियों की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

पांच साल बाद हुई कार्रवाई

यह कार्रवाई ठीक पांच साल बाद हुई है, जब अक्टूबर 2020 में कश्मीर टाइम्स का श्रीनगर दफ्तर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सील कर दिया था। कश्मीर टाइम्स जम्मू-कश्मीर का सबसे पुराना अंग्रेजी अखबार है, जिसकी शुरुआत 1954 में अनुराधा भसीन के पिता वेद भसीन ने की थी।

 

जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं, लेकिन मीडिया संस्थानों पर 'चुन-चुनकर' छापे नहीं पड़ने चाहिए। उन्होंने कहा, 'अगर कोई गलती हुई है तो कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन सिर्फ दबाव बनाने के लिए नहीं। प्रेस लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, उसे स्वतंत्र पत्रकारिता करने की जगह मिलनी चाहिए।'

छापेमारी की हुई आलोचना

युवा पीडीपी नेता आदित्य गुप्ता ने भी छापेमारी की निंदा की और कश्मीर टाइम्स को केंद्र शासित प्रदेश की 'सबसे साहसी आवाज' बताया।

 

कश्मीर टाइम्स के संपादक प्रबोध जमवाल और अनुराधा भसीन ने संयुक्त बयान जारी कर छापेमारी को 'स्वतंत्र मीडिया को चुप कराने की सुनियोजित कोशिश' बताया। उन्होंने कहा, 'सरकार की आलोचना करना देशविरोधी काम नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र को मजबूत करता है। हमने हमेशा निष्पक्ष और स्वतंत्र पत्रकारिता की है। हमने क्षेत्र के अच्छे-बुरे दोनों पहलुओं को बराबर जगह दी है, हाशिए पर पड़े लोगों की आवाज उठाई है और मुश्किल सवाल पूछे हैं।'

 

अखबार ने कहा कि ऐसे आरोप और छापे सिर्फ दबाव बनाने के लिए हैं। फिलहाल इस मामले में जांच जारी है और आने वाले दिनों में और जानकारी सामने आने की उम्मीद है।