उत्तर प्रदेश पुलिस ने राजधानी लखनऊ में रविवार 9 नवंबर को धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का अभियान चलाया। इसके इस्तेमाल को लेकर पुलिस को कई शिकायतें आई थीं। इन शिकायतों में लोगों ने कहा कि कई धार्मिक स्थलों पर तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाए जा रहे हैं। पुलिस ने कहा है कि मामले में कार्रवाई करते हुए यह कदम उठाया गया है। साथ ही प्रशासन की ओर से यह भी बताया गया कि यह लाउडस्पीकर हटाने के अभियान का ही हिस्सा है।
DCP ने बताया कि किसी भी धार्मिक स्थल या आयोजनों में तय सीमा से अधिक आवाज से तेज लाउडस्पीकर चलाने पर पुलिस की ओर से कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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क्या बोले अधिकारी?
DCP विश्वजीत श्रीवास्तव ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के निर्देश है कि सभी धार्मिक स्थलों पर केवल सीमित डेसिबल लिमिट तक ही लाउडस्पीकर बजाए जा सकते हैं। कई दिनों से शिकायतें आ रही थी कि इन जगहों पर बहुत ऊंची आवाज में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। पूरे लखनऊ में एक अभियान चलाया गया है। हमारी टीमें अलग-अलग जगहों पर जाकर इसे हटा रही है। नियमों के बारे में जागरूकता फैलाई जा रही है। कई जगहों पर लोग खुद ही इसे हटा रहे हैं।'
55 डेसीबल से ज्यादा आवाज होने पर कार्रवाई
DCP ने बताया कि किसी भी धार्मिक जगहों पर तय सीमा (55 डेसिबल) से अधिक आवाज से तेज लाउडस्पीकर चलाए जाने पर पुलिस की ओर से कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने इस बात की पुष्टि की है कि जिन जगहों के लिए अनुमति ली गई है, वहां भी केवल सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक ही लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति है। इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा कि इससे आमजनों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। जहां भी बिना किसी अनुमति के इसका इस्तेमाल किया जा रहा है, उसे भी हटाने का निर्देश दिया गया है।
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यूपी सरकार के आदेश के बाद मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा के साथ-साथ सभी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए जा रहे हैं। पुलिसकर्मियों ने इमामों और पुजारियों को समझाया है कि तेज आवाज वाले लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करना गैर-कानूनी है। इसके तहत प्रशासन जागरूकता कार्यक्रम भी चला रही है।
